ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पूरी दुनिया में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. इस नए वेरिएंट की वजह से फिर कई देशों में पाबंदियों का दौर देखने को मिल रहा है. भारत में भी सख्ती पहले से ज्यादा कर दी गई है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने स्तर पर सख्ती को बढ़ा दिया है. नए आदेश के मुताबिक अब एट रिस्क देशों से आने वाले यात्रियों को महाराष्ट्र में सात दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन होना पड़ेगा. इसके अलावा उन सभी यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर RT-PCR टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया गया है.
ओमिक्रॉन खतरे पर महाराष्ट्र सरकार का फैसला
नई गाइडलाइन में बताया गया है कि साउथ अफ्रीका, जिंबाब्वे और Botswana से आने वाले सभी यात्रियों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. वैसे राज्य सरकार की तरफ से ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि किन लोगों को एट रिस्क वाली कैटेगरी में रखा जाएगा. जोर देकर कहा गया है कि अगर कोई शख्स पिछले 15 दिनों में एट रिस्क वाले देशों का दौरा करके आया है, तो उसे भी उसी श्रेणी में रखा जाएगा. वहीं अगर कोई यात्री एट रिस्क वाले देशों से महाराष्ट्र में एंट्री लेगा तो उसे भी इसी श्रेणी में रखा जाएगा.
जानकारी दी गई है कि महाराष्ट्र के तमाम एयरपोर्ट पर इन नियमों का पालन होना शुरू हो चुका है. एट रिस्क वाले यात्रियों के लिए अलग कांउटर तक बनवा दिए गए हैं. वहां पर उनकी स्क्रीनिंग भी होगी और आरटी-पीसीआर टेस्ट भी करवाया जाएगा. इसके बाद उन यात्रियों को सात दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन भेज दिया जाएगा. फिर सात दिन बाद एक और कोविड टेस्ट होगा और उसके बाद क्वारंटीन खत्म करने को लेकर फैसला होगा.
कोविड टेस्ट पर जोर, क्वारंटीन भी जरूरी
गाइडलाइन में उन लोगों के लिए भी नियम बता दिए गए हैं जिनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आएगा. ऐसे यात्रियों को महाराष्ट्र के कोविड अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा और वहां पर उनका इलाज चलेगा. फिर अगर सात दिन बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव भी आ जाती है, उन्हें फिर भी दोबारा क्वारंटीन होना पड़ेगा. इस सब के अलावा डोमेस्टिक पैसेंजर्स के लिए भी कहा गया है कि उन्हें एयरपोर्ट पर अपना वैक्सीन सर्टिफिकेट ले जाना होगा. अगर वैक्सीन नहीं लगी है तो 72 घंटे पुरानी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी काम कर जाएगी.