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सड़कों पर क्यों होते हैं गड्ढे? 'अमेरिका जैसे रोड्स' के सवालों पर क्या बोले नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़कों पर हो रहे गड्ढे को लेकर भी बात की और इसके लिए हर साल होने वाली बरसात को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि हर साल इतनी बारिश हो रही है कि उसमें सड़कें उखड़ जाती है. उन्होंने बताया कि उनके नागपुर में सिर्फ कंक्रीट की सड़कें हैं और वहां सड़कों पर एक भी गड्ढे नहीं मिलेंगे.

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नितिन गडकरी
नितिन गडकरी

बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा समस्या किसी चीज से होती है तो वो है टूटी सड़कें और गड्ढे. इससे दुर्घटनाएं भी होती है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पहले अक्सर यह कहते सुना जाता था कि वह अमेरिका जैसी सड़कें भारत में बनाएंगे और इस पर काम कर रहे हैं. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में पहुंचे मंत्री से पूछा गया कि आखिर सड़कों पर गड्ढे क्यों हो जाते हैं?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पिछले दो-तीन साल से इतनी बरसात हो रही है तो इसमें सड़कें उखड़ जाती हैं. दुनिया में भी ऐसा हो रहा है. यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है. उन्होंने कई सड़कें गिनाईं और कहा कि पांच-छह साल पहले बनी सड़कों पर भी गड्ढे हो जाते हैं.

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कंक्रीट रोड पर आपको गड्ढे नहीं मिलेंगे!

नितिन गडकरी ने कहा कि वह अक्सर अमेरिका की सड़कों का उदाहरण देते हैं? लेकिन अमेरिका का उदाहरण क्यों दिया जाता है? मंत्री ने कहा कि हम एक नई तकनीक ला रहे हैं और मुंबई आईआईटी में इसको लेकर बड़ा सेमिनार भी हुआ था. उन्होंने बताया, "मेरे नागपुर में पूरा कंक्रीट रोड है और वहां आपको गड्ढे नहीं मिलेंगे."

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नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बतौर मंत्री सड़क योजना लेकर आए थे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हमने लाई थी जिसके तहत लाखों किलोमीटर में सड़कें बनाई गई. उन्होंने बताया कि बिटुमेन की जगह पर अगर हम और तकनीक का इस्तेमाल करेंगे तो सड़कें टिकेंगी.

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तकनीक के आने से सुधरेगी सड़कों की गुणवत्ता

सड़कों की गुणवत्ता और टोल वसूली पर उठते सवालों के जवाब में गडकरी ने कहा, "बरसात के मौसम में सड़कों पर गड्ढे आ सकते हैं. उन्होंने बताया कि 1997-98 में बनाई गई सड़कें आज भी बिना गड्ढों के हैं." उन्होंने आगे कहा कि नई तकनीक के आने से सड़कों की स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने कहा, "हम अब नई तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं और मुंबई आईआईटी में इस पर बड़ा सेमिनार भी हुआ था. मेरा नागपुर में कंक्रीट सड़क का उदाहरण है, जहां कोई गड्ढा नहीं मिलता."

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