एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता और महिला विंग अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके दोनों डिप्टी सीएम- एकनाथ शिंदे और अजित पवार- के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है, जो महायुति सरकार के पतन का कारण बन सकती है.
महाराष्ट्र सरकार में खींचतान का दावा
एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए खडसे ने फडणवीस पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और आरोप लगाया कि अजित पवार के प्रभाव को कमजोर करने के लिए उनके विभाग से संबंधित फाइलें शिंदे के पास मंजूरी के लिए भेजी जा रही हैं.
यह बयान उस समय आया है जब बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के बीच मतभेद की अटकलें जोरों पर हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अजित पवार को लेकर शिकायत की है.
'रायगढ़ में अजित पवार को नहीं मिला बोलने का मौका'
खडसे ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'फडणवीस ने वित्त विभाग पर नजर रखने के लिए अपने करीबी अधिकारी को आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया. फिर शिंदे को सीमित करने के लिए फंड वितरण और संरक्षक मंत्रियों की नियुक्तियों में भेदभाव किया गया. रायगढ़ में अजित पवार को मंच से बोलने का मौका नहीं मिला, जबकि शिंदे को मौका दिया गया. उन्होंने अमित शाह के मुंबई दौरे पर उनसे अकेले 15 मिनट की बैठक भी की.'
'आज नहीं तो कल, ये जरूर लड़खड़ाएंगे'
उन्होंने दावा किया कि दोनों उपमुख्यमंत्रियों पर लगाम कसने के लिए सोमवार को चैत्यभूमि कार्यक्रम में उनके भाषणों को रद्द कर दिया गया. यह कार्यक्रम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिसमें केवल मुख्यमंत्री और राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने भाषण दिया.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, 'तो पूरी कहानी क्या है? सरकार कैसे चल रही है? जबरदस्त खींचतान. आज नहीं तो कल, ये जरूर लड़खड़ाएंगे!' इसके साथ ही उन्होंने राजभवन द्वारा जारी कार्यक्रम की एक कॉपी भी पोस्ट की, जिसमें दोनों उपमुख्यमंत्रियों के भाषण का उल्लेख था.