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ठगों ने महाराष्ट्र के मंत्रालय में ही करा दिया फर्जी इंटरव्यू... चौंका देगी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी की ये कहानी

महाराष्ट्र में सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले सैकड़ों युवाओं के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. नागपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये ठग लिए. हैरानी की बात यह है कि आरोपियों ने मंत्रालय (Mantralaya) के अंदर ही फर्जी इंटरव्यू और जेजे अस्पताल में मेडिकल टेस्ट तक करवाए. पुलिस ने मुख्य आरोपी लॉरेन्स हेनरी को गिरफ्तार किया है.

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मंत्रालय परिसर में कराया फर्जी इंटरव्यू. (Photo: AI-generated)
मंत्रालय परिसर में कराया फर्जी इंटरव्यू. (Photo: AI-generated)

महाराष्ट्र के नागपुर और अन्य जिलों के कई बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में 45 साल के लॉरेन्स हेनरी नाम के व्यक्ति को अरेस्ट किया है. आरोप है कि उसने और उसके छह साथियों ने मिलकर लाखों रुपये की ठगी की. खास बात यह है कि मंत्रालय (Mantralaya) में ही फर्जी इंटरव्यू दिलवाया गया.

एजेंसी के अनुसार, शिकायतकर्ता राहुल तायडे ने कहा कि आरोपी लॉरेन्स हेनरी और उसके गिरोह के लोगों ने उसे जूनियर क्लर्क की नौकरी दिलाने का वादा किया. इसके बदले उन्होंने किस्तों में उससे मोटी रकम वसूली. भरोसा जीतने के लिए हेनरी और उसके साथियों ने मुंबई के जेजे अस्पताल ले जाकर मेडिकल टेस्ट भी करवाया. इसके बाद मंत्रालय (महाराष्ट्र सरकार के मुख्यालय) में एक केबिन में इंटरव्यू करवाया गया, जहां बाहर ‘शिल्पा उदापुरे’ नाम की नेमप्लेट लगी थी.

इस पूरे मामले में गंभीर सवाल यह है कि फर्जी इंटरव्यू मंत्रालय परिसर के अंदर आखिर कैसे हो गया? तायडे को यहां एक फर्जी पहचान पत्र (ID card) भी दिया गया, जिससे उसे मंत्रालय में एंट्री की परमिशन मिली. उसे विश्वास दिलाया गया कि यह उसकी नियुक्ति प्रक्रिया का हिस्सा है और जल्द ही उसे सरकारी जॉब का नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) मिल जाएगा.

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यह भी पढ़ें: विदेश में नौकरी का झांसा, 'डिजिटल गुलामी' का जाल... सूरत पुलिस ने इंटरनेशनल साइबर रैकेट का किया पर्दाफाश

कई महीनों तक पैसा देने और सभी ‘औपचारिकताएं’ पूरी करने के बाद भी जब तायडे को कोई नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उसने मामले की शिकायत पुलिस से की. नागपुर के हुडकश्वर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और 45 साल के लॉरेन्स हेनरी को गिरफ्तार कर लिया.

200 से ज्यादा युवाओं से ठगी का शक

राहुल तायडे ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि यह गिरोह सिर्फ उसी से नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के 200 से ज्यादा बेरोजगार युवाओं से ठगी कर चुका है. कई युवक इस गिरोह के झांसे में आकर लाखों रुपये गंवा बैठे हैं. शिकायतें नागपुर के साथ-साथ चंद्रपुर और वर्धा जिलों में भी दर्ज की गई हैं.

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी लॉरेन्स हेनरी मूल रूप से नागपुर के म्हालगीनगर का रहने वाला है. उससे पूछताछ में और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ सकती हैं. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाया और पूरी फर्जी प्रोसेस तैयार की.

प्रशासन और सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने मंत्रालय और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. आरोपियों ने मंत्रालय के अंदर इंटरव्यू का नाटक किया और मेडिकल टेस्ट भी सरकारी अस्पताल में कराया. इससे साफ है कि या तो गिरोह ने सरकारी सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाया या फिर कोई और कहानी हो सकती है.

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