scorecardresearch
 

भिखारी मुक्त मुंबई बनाने में जुटी पुलिस, एक्टिविस्ट ने उठाए सवाल

मुंबई पुलिस ने 'जीरो बेगर्स' नाम से अभियान चलाना शुरू कर दिया है जो अगले एक महीने तक चलाया जाएगा. सभी पुलिस स्टेशनों को भिखारियों को पकड़ने और उन्हें कोविड टेस्ट करने के बाद चेंबूर के स्पेशल हाउस भेजने का आदेश दिया गया है.

Advertisement
X
भिखारी मुक्त मुंबई बनाने के अभियान पर सवाल उठ रहे हैं (फाइल फोटो)
भिखारी मुक्त मुंबई बनाने के अभियान पर सवाल उठ रहे हैं (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई को 'भिखारी मुक्त' करने का अभियान शुरू किया
  • पूरे एक महीने चलेगा 'बेग्गर्स फ्री' मुंबई अभियान
  • बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट 1959 के तहत कार्रवाई
  • सभी भिखारियों को चेंबूर के स्पेशल हाउस भेजा जाएगा

मुंबई को भिखारी मुक्त (beggar free) बनाने के लिए मुंबई के सभी जोनल के DCP को आदेश मिला है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भिखारियों को पकड़ें और मुंबई को भिखारी मुक्त बनाएं. पिछले नवंबर महीने में BMC (the Brihanmumbai municipal Corporation) ने भी इसी तरह के प्रयास किए थे और 29 हजार भिखारियों की पहचान की थी, जिसमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे. BMC ने कहा है कि वो शहर को भिखारी मुक्त बनाने के एक्शन प्लान पर काम कर रही थी.

अब मुंबई पुलिस ने भी 'जीरो बेगर्स' नाम से अभियान चलाना शुरू कर दिया है जो अगले एक महीने तक चलाया जाएगा. सभी पुलिस स्टेशनों को भिखारियों को पकड़ने का और उन्हें कोविड टेस्ट करने के बाद चेंबूर के स्पेशल हाउस भेजने का आदेश दिया गया है. 9 फरवरी के दिन जॉइंट कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) विश्वास नागरे पाटिल (Vishwas Nagre Patil) ने सभी जोनल के DCP के लिए इस संबंध में अभियान चलाने का आदेश जारी कर दिया है, जिसमें उनसे भिखारियों को पकड़कर मुंबई को भिखारी मुक्त बनाने के लिए कहा गया है. ये अभियान बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट 1959 के तहत चलाया जा रहा है.

शुक्रवार के दिन तक आजाद मैदान पुलिस ने ही 14 भिखारियों को पकड़कर चेंबूर के स्पेशल हाउस में भेज दिया है. विशेषज्ञों ने इस अभियान की व्यावहारिकता पर सवाल उठाया है कि क्या चेंबूर में इतने भिखारियों को रखे जाने लायक पर्याप्त स्पेस है?

Advertisement

इस मामले पर सोशल एक्टिविस्ट और वकील आभा सिंह ने कहा है कि 'क्या ये अभियान मुंबई को भिखारी मुक्त कर देगा? उन्हें कब तक चेंबूर में रखा जाएगा? क्या उनके पुनर्वास का कोई प्लान है? पुलिस कानून लागू कर सकती है, लेकिन उसके आगे क्या है? शहर को भिक्षावृति मुक्त करने के लिए एक प्रॉपर प्लान होना चाहिए. ये केवल एक सांकेतिक अभियान भर नहीं होना चाहिए.''

एक पुलिस अफसर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि 'ये मुहिम बच्चों पर जबरदस्ती भीख मंगवाने के काम को रोकने के लिए शुरू की गई है. ये मुंबई जैसे शहर की खराब छवि प्रदर्शित करता है.' DCP (PRO) एस. चैतन्य ने कहा है कि ''भीख मांगना एक सामाजिक अपराध है. सभी पुलिस स्टेशनों को भिखारियों को पकड़ने, हेल्थ चेकअप करने और फिर चेंबूर भेजने का आदेश दिया गया है. बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट 1959 के तहत इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.''

 

Advertisement
Advertisement