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महाराष्ट्र के लातूर में जल'प्रलय', लोगों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर तैनात

स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑफिसर साकेब उस्मानी ने बताया कि राज्य के सिंचाई विभाग के तीन कर्मचारी घंसरगांव गांव के बैराज में फंस गए थे. इसके बाद इन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ एक हेलिकॉप्टर रेस्क्यू के लिए लगाया गया.

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फाइल फोटो (पीटीआई)
फाइल फोटो (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लातूर की 10 तहसीलों में से 6 में भारी बारिश
  • पिछले 24 घंटे में लातूर में 66.09 मिलीमीटर बारिश हुई

महाराष्ट्र के लातूर में मंगलवार को तेज बारिश हुई. इससे यहां निचले इलाकों और नदी के किनारे बसे गांवों में पानी भर गया. इसके बाद लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम, हेलिकॉप्टर और नावों को लगाना पड़ा. पिछले 2 दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में महाराष्ट्र में 13 लोगों की मौत हो गई. वहीं, एनडीआरएफ ने राज्य में 560 लोगों का रेस्क्यू किया.  

एक अधिकारी ने बताया कि बोट के जरिए मंजारा नदी के किनारे सरसा गांव से 47 लोगों का रेस्क्यू किया गया. उन्होंने बताया कि रेनापुर में दिगोल देशमुख क्षेत्र से तीन लोगों का रेस्क्यू किया गया. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑफिसर साकेब उस्मानी ने बताया कि राज्य के सिंचाई विभाग के तीन कर्मचारी घंसरगांव गांव के बैराज में फंस गए थे. इसके बाद इन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ एक हेलिकॉप्टर रेस्क्यू के लिए लगाया गया. 

लातूर में हुई भारी बारिश
अधिकारियों के मुताबिक, लातूर की 10 तहसीलों में से 6 में भारी बारिश हुई. इसके चलते नदियों और नालों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. ऐसे में प्रशासन को केह तहसील के धनेगांव में मंजारा बांध के 18 गेट को खोल कर 70,845.30 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. हालांकि, बुधवार को मंजारा बांध के 12 गेट बंद कर दिए गए. 

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लातूर में 24 घंटे में 66.09 मिमी बारिश हुई
लातूर जिले में पिछले 24 घंटे में 66.09 मिलीमीटर बारिश हुई. लातूर, उदगीर, अहमदपुर, चाकुर, जलकोट और औसा तहसील में तूफान के साथ तेज बारिश हुई. इसके चलते कई गांवों का संपर्क कट गया. अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से कई मंडल में  65 mm तक बारिश हुई. उन्होंने बताया कि लातूर में मानसून में अब तक 906 mm बारिश हो चुकी है. जो सालाना बारिश का 109% है.  

नेशनल हाईवे अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के बीच एहतियात के तौर पर उजानी में औसा-तुलजापुर हाईवे को बंद कर दिया गया, जबकि सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नांदेड़, मंजारा और तेर्ना बैराज भरे हुए हैं और पानी नीचे की ओर छोड़ा जा रहा है. 

 

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