अपने पद से इस्तीफे के बाद BJP के साथ राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. स्टेट माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन मुनाफ हकीम ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर पूर्व कमिश्नर को कोई भी सरकारी लाभ न दिए जाने की मांग की है.
अपने पत्र में मुनाफ हकीम ने लिखा है कि जब सत्यपाल नागपुर में थे तभी से वह संघ परिवार के संपर्क में थे. उस दौरान उन्होंने यह कहा भी था कि वह संघ की विचारधारा से प्रभावित होकर काम कर रहे हैं. यही नहीं तब उन्होंने 'मृत्युंजय' नाम का एक संगठन भी बनाया था.
मुनाफ का कहना है कि इतने ऊंचे और सरकारी पद पर बैठे शख्स को सेवा में रहते हुए हमारा संविधान ऐसे किसी कार्य में लिप्त रहने की इजाजत नहीं देता, लिहाजा उन्हें कोई सरकारी लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. गौरतलब है कि पद से इस्तीफा देने के बाद डॉ. सत्यपाल सिंह ने हाल ही बीजेपी जॉइन की है.
जांच हो कब से हैं राजनीतिक संपर्क में
गृह मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में मुनाफ ने कहा है कि डॉ. सत्यपाल का बीते दिनों इस्तीफा देना और फिर राजनीतिक दल में सम्मिलित होना एक दिन का फैसला नहीं है. वह लंबे अरसे से इस बात को स्वीकार करते रहे हैं कि वह दिल्ली जाकर राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से मिला करते थे. ऐसे में इस बात की जांच होनी चाहिए कि वह कितने समय से राजनीतिक संपर्क में रहे हैं.
मुनाफ कहते हैं, 'मैं समझता हूं कि चुनाव को सामने रखते हुए एक जिम्मेदारी के पद से इस तरह आनन-फानन में त्यागपत्र देने की जांच होनी चाहिए और यह भी देखना चाहिए कि क्या संविधान की धारा 311 के तहत वह कानूनी सजा के पात्र हैं.' मुनाफ के अनुसार, अगर जांच के बाद ऐसी कोई बात सामने आती है तो इस्तीफे के बाद डॉ. सत्यपाल को मिलने वाली सारी सुविधाएं रोक दी जानी चाहिए.