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फडणवीस कैबिनेट का विस्तार 14 दिसंबर को, कई दिग्गजों के कटेंगे नाम, नए चेहरों को मिलेगा मौका!

महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बन गई है और अब मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद चल रही है. जल्द ही कैबिनेट विस्तार होने के संकेत आ गए हैं. इससे पहले महायुति की प्रचंड जीत के करीब दो हफ्ते बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार. (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार. (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में महायुति की नई सरकार का गठन हो गया है और अब कैबिनेट विस्तार की बारी है. लंबे मंथन के बाद बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी में मंत्रिमंडल बंटवारे के फॉर्मूले पर लगभग सहमति बन गई है. 14 दिसंबर को मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना है.

महायुति की सरकार में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस हैं. शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी प्रमुख अजित पवार डिप्टी सीएम हैं. महायुति सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है. अब सभी की निगाहें महायुति गठबंधन के कैबिनेट विस्तार पर टिकी हैं.

बीजेपी ने जीती हैं 132 सीटें...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों पर चुनाव हुए हैं. MVA ने कुल 233 सीटें जीती हैं. बीजेपी ने 132, शिवसेना 57 और एनसीपी ने 41, JSS ने 2 और RSJP ने एक सीट पर जीत हासिल की है. 

पोर्टफोलियो बंटवारे पर बन गई बात?

दरअसल, महाराष्ट्र में 16 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. महायुति सरकार की कोशिश है कि सत्र शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल गठन का काम पूरा कर लिया जाए. सूत्रों का कहना है कि महायुति में पावर शेयरिंग पर लंबा मंथन हुआ है और पोर्टफोलियो बंटवारे पर बैलेंस बनाने पर बात बन गई है.

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सूत्रों ने बताया कि महायुति के नए मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े नामों को शामिल नहीं किया जाएगा. यानी बड़े और कुछ दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी. अटकलें हैं कि पिछली कैबिनेट में कई दिग्गज नेताओं का खराब प्रदर्शन रहा है, जिसके कारण सरकार की साख गिरी है और विपक्ष को हमले करने का मौका मिला है. ऐसे में अलायंस पार्टनर्स इस बात पर सहमति जता रहे हैं कि ऐसे नेताओं को इस बार कैबिनेट से बाहर किया जाना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के नए राज्य मंत्रिमंडल में साफ-सुथरी छवि वाले विधायकों को ही जगह दी जाएगी. विवादित नेताओं से दूरी बनाई जाएगी. एनडीए का केंद्रीय हाईकमान भी इस बात पर जोर दे रहा है कि पुराने दागी मंत्रियों को दोबारा कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.

कौन-कौन मंत्रिमंडल से बाहर हो सकता है?

जिन संभावित नामों को बाहर किया जा सकता है, उनमें शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) से तीन प्रमुख मंत्रियों के नाम शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, FDA और जल संसाधन विभाग संभाल रहे संजय राठौड़, अल्पसंख्यक और विपणन विभाग से अब्दुल सत्तार और स्वास्थ्य विभाग से तानाजी सावंत को पद से हटाया जा सकता है.

अजित गुट से कौन?

NCP (अजित पवार गुट) में दिलीप वाल्से पाटिल (सहकारिता विभाग) और हसन मुश्रीफ (चिकित्सा शिक्षा विभाग) को नए मंत्रिमंडल से बाहर जाने की संभावना है.

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BJP कोटे से किसे जगह नहीं?

बीजेपी में भी बदलाव होने की संभावना है. सुरेश खाड़े (श्रम विभाग) और विजय कुमार गावित (आदिवासी कल्याण विभाग) को भी मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है.

कैबिनेट में 43 मंत्री हो सकते हैं

इस फेरबदल में तीनों गठबंधन सहयोगियों में कई नए चेहरे शामिल किए जाने की संभावना है. कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 43 मंत्री शामिल हो सकते हैं. अभी 40 पोर्टफोलियो भरे जाने बाकी हैं. बीजेपी से 15, शिवसेना से 10 और एनसीपी से 9 नाम मंत्रिमंडल की दौड़ में चल रहे हैं.

महायुति गठबंधन में कौन-कौन संभावित मंत्री...

बीजेपी...

- चंद्रकांत पाटिल
- गिरीश महाजन
- सुधीर मुनगंटीवार
- चंद्रशेखर बावनकुले
- रवीन्द्र चव्हाण
- मंगल प्रभात लोढ़ा
- राधाकृष्ण विखे पाटिल
- शिवेंद्र राजे भोसले
- अतुल सावे
- पंकजा मुंडे
- माधुरी मिसाल
- देवयानी फरांदे
- संजय कुटे
- आशीष शेलार
- गणेश नाइक

शिवसेना

- उदय सामंत
- शंभूराज देसाई
- दादा भूसे
- गुलाबराव पाटिल
- संजय शिरसाट
- भरत गोगावले
- प्रताप सरनाईक
- आशीष जायसवाल
- राजेश खिरसागर
- अर्जुन खोतकर

एनसीपी...

- छगन भुजबल
- धनंजय मुंडे
- धर्मराव बाबा अत्राम
- अदिति तटकरे
- संजय बनसोड़
- नरहरि जिरवाल
- दत्ता भरणे
- अनिल भाईदास पाटिल
- मकरंद अबा पाटिल

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