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शिंदे सरकार को झटका, 'पन्नास खोके' गाना गाने वाले मराठी रैपर राजेश मुंगसे की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक

मराठी रैपर राजेश मुंगसे पर एक गाने के जरिए महारष्ट्र की शिंदे सरकार को बदनाम करने का आरोप लगा था. इसके बाद रैपर के खिलाफ युवसेना कोर कमेटी के सदस्य ने पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए रैपर ने फौरन कोर्ट का रुख किया था, जहां से उसे अंतरिम राहत मिल गई है.

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एकनाथ शिंदे (File Photo)
एकनाथ शिंदे (File Photo)

महाराष्ट्र के जिस रैपर राजेश मुंगसे पर एकनाथ शिंदे सरकार को अपने गाने के जरिए बदनाम करने का आरोप लगा था, उसके गिरफ्तारी (अंतरिम) पर फिलहाल महाराष्ट्र के ठाणे जिले की कल्याण सत्र अदालत ने रोक लगा दी है. मुंगसे पर 'पन्नास खोके' गाना गाकर शिंदे सरकार को बदनाम करने का आरोप है.

कल्याण सत्र न्यायाधीश आरजी वाघमारे ने मुंगसे को सुरक्षा प्रदान करते हुए शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, जहां मुंगसे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. युवसेना कोर कमेटी के सदस्य स्नेहल कांबले ने मुंगसे के खिलाफ हाल ही में यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक गाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी. गाने में 'पन्नास खोके' (पचास करोड़) और 'चोर' (चोर) जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था.

ट्विटर पर साझा किया वीडियो

कांबले ने अपनी शिकायत में कहा था कि आपत्तिजनक गीत शिवसेना और भाजपा गठबंधन सरकार के लिए मानहानिकारक है और राज्य सरकार के खिलाफ है. आरोपी ने कथित तौर पर वीडियो को ट्विटर पर भी साझा किया था.

कल्याण कोर्ट का किया था रुख

मुंगसे ने अपने वकील शुभम कहीते के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए कल्याण कोर्ट का रुख किया था, जिसमें कहा गया था कि एफआईआर कानून के प्रावधानों के विपरीत है. यह लेकिन याचिकाकर्ता के लोकतांत्रिक अधिकार के साथ-साथ मौलिक अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. 

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सामाजिक मुद्दे उठा रहा गायक

कहीते ने तर्क दिया था कि कथित वीडियो में मुंगसे ने आम लोगों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है और किसी व्यक्ति को विशेष रूप से टारगेट नहीं किया है. याचिका में कहा गया था कि गाने के माध्यम से गायक प्रासंगिक सामाजिक मुद्दों को उठा रहा था. कहीते ने आगे कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने वाले रैप को दबाने के इरादे से प्राथमिकी दर्ज की गई है.

...तो गिरफ्तारी की क्या जरूरत?

कहीते ने तर्क दिया कि चूंकि कथित वीडियो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में है, इसलिए पुलिस को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है.

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