महाराष्ट्र के अकोला में पुलिस ने एक मामले में पकड़े गए संदिग्ध को इस कदर पीटा जिससे अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मौत पर बवाल होने के बाद पीएसआई और एक अन्य पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है. घटना की जानकारी तब सामने आई जब आईजी की तरफ से एक शिकायती चिट्ठी जिले के एसपी को लिखी गई.
दरअसल संदिग्ध आरोपी की मौत के बाद उसके परिवार द्वारा सीधे अमरावती जोन के विशेष पुलिस महानिरीक्षक से इसकी शिकायत की गई थी. इसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह ने API राजेश जावरे के साथ सालुंके नाम के कर्मचारी को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया.
वहीं पुलिस की पिटाई से मरने वाले शख्स का नाम गोवर्धन हरमकर है. मृतक गोवर्धन के चाचा सुखदेव हरमकर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उनके भतीजे गोवर्धन को 15 जनवरी को अकोला सिटी पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक राजेश जावरे और तीन अन्य पुलिसकर्मियों ने एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया था.
16 जनवरी को पुलिस ने सुकली गांव स्थित उसके घर की तलाशी ली तो कुछ नहीं मिला. इसलिए पुलिस ने शिकायतकर्ता सुखदेव हरामकर के साथ गोवर्धन को भी हिरासत में ले लिया. 16 जनवरी की रात दोनों को थाने लाया गया और वहां बेरहमी से पीटा गया.
बताया जा रहा है कि पुलिस की पिटाई से सुखदेव हरमकर के सिर पर गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसके बाद भी पुलिस गोवर्धन की पिटाई करती रही. जब उसकी भी हालत बिगड़ने लगी तो पुलिस ने उसे अकोट के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन गोवर्धन की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए अकोला ले जाने की सलाह दी.
घायल गोवर्धन को अकोला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया; लेकिन अगले दिन 17 जनवरी को उसकी मौत हो गई. सुखदेव हरमकर की शिकायत में कहा गया है कि उनके भतीजे की मौत पुलिस की अमानवीय पिटाई से हुई है.
पीएसआई राजेश जावरे ने मृतक गोवर्धन को किस अपराध के लिए हिरासत में लिया था? उस दिन थाने में क्या हुआ था? पुलिस प्रशासन इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से कतरा रही है?
इस बीच, मामले की गंभीरता को देखते हुए अकोट के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अनमोल मित्तल ने मामले की जांच की और एक रिपोर्ट तैयार की. यह रिपोर्ट जिले के एसपी को सौंपे जाने के बाद उपनिरीक्षक राजेश जावरे सहित अमलदार सालुंके को निलंबित कर दिया गया है.