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Sangli: ठेकेदार ने की खुदकुशी, 1.4 करोड़ रुपये का भुगतान न मिलने से था परेशान

महाराष्ट्र के सांगली जिले में जल जीवन मिशन के तहत कार्यरत ठेकेदार हर्षल पाटिल ने बकाया 1.4 करोड़ रुपये का भुगतान न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. उनके पास 65 लाख रुपये का निजी कर्ज भी था. इस घटना के बाद राज्यभर के ठेकेदारों और इंजीनियरों में गुस्सा है. संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है.

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ठेकेदार ने की खुदकुशी (File Photo: ITG)
ठेकेदार ने की खुदकुशी (File Photo: ITG)

सांगली जिले में एक सरकारी ठेकेदार ने बकाया भुगतान न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. मृतक हर्षल पाटिल, वलवा तालुका के तंदुलवाडी गांव के निवासी थे और महाराष्ट्र के जल जीवन मिशन के तहत ठेका कार्य कर रहे थे. उन्होंने अपने खेत में फांसी लगाकर जान दे दी.

जानकारी के मुताबिक, हर्षल पाटिल को राज्य सरकार से 1.4 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं मिला था. उन्होंने निजी लेनदारों से करीब 65 लाख रुपये का कर्ज लिया था, जो लगातार वसूली का दबाव बना रहे थे.

सरकारी ठेकेदार ने की खुदकुशी

इस घटना के बाद महाराष्ट्र स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स फेडरेशन, राज्य इंजीनियर्स संघ और महाराष्ट्र ग्रामीण जल आपूर्ति संघ ने सरकार पर नाराजगी जताई है. संगठनों ने मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने और राज्यभर के बकाया बिल जल्द चुकाने की मांग की है.

ठेकेदार संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार पर करीब 90 हजार करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है. इसमें से सिर्फ लोक निर्माण विभाग (PWD) का ही लगभग 46 हजार करोड़ रुपये का बकाया है. बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार को कानूनी नोटिस भेजा है और हाईकोर्ट में जाने की चेतावनी दी है.

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निजी लेनदारों से था 65 लाख रुपये का कर्ज

जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल ने कहा कि हर्षल पाटिल के नाम से कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है. वहीं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि एक सब-कॉन्ट्रैक्टर ने उन्हें भुगतान नहीं किया था. उन्होंने मामले की जांच और सभी लंबित भुगतान की समीक्षा का आश्वासन दिया है.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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