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पुणे: आरक्षण की मांग को लेकर बीजेपी का चक्का जाम, ना सोशल डिस्टेंसिंग दिखा ना मास्क

राज्य की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने कटराज के पास विरोध का मोर्चा संभाल रखा था. इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता वहां इकट्ठा हुए. कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल की यहां खुले आम अनदेखी होती देखी गई. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के साथ एकत्र अधिकतर लोगों ने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगा रखे थे.

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बीजेपी का चक्का जाम (फोटो- आजतक)
बीजेपी का चक्का जाम (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओबीसी के लिए आरक्षण की मांग
  • बीजेपी नेताओं ने किया चक्का जाम
  • प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

बीजेपी नेताओं की ओर से पुणे में चक्का जाम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया गया. बीजेपी की ओर से शनिवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में ‘चक्का जाम’  और ‘जेल भरो’ का आह्वान किया गया. इस दौरान विरोध प्रदर्शन की कमान बीजेपी नेताओं ने संभाल रखी थी.  

राज्य की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने कटराज के पास विरोध का मोर्चा संभाल रखा था. इस दौरान बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता वहां इकट्ठा हुए. कोविड-19  सुरक्षा प्रोटोकॉल की यहां खुले आम अनदेखी होती देखी गई. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के साथ एकत्र अधिकतर लोगों ने चेहरे पर मास्क भी नहीं लगा रखे थे.  

कोरोना नियमों का पालन नहीं होने की वजह से भारती विश्वविद्यालय थाने में आयोजकों समेत 100 से 150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. 

विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता पंकजा मुंडे, सांसद गिरीश बापट, विधायक भीमराव तपकीर, माधुरी मिसाल, सुनील कांबले, पूर्व विधायक मेधा कुलकर्णी, पूर्व मंत्री दिलीप कांबले, भाजपा नगर अध्यक्ष जगदीश मलिक, पुणे नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष हेमंत रसने, भाजपा ओबीसी मोर्चा पुणे शहर अध्यक्ष योगेश पिंगले समेत 200 से अधिक लोग मौजूद थे. 

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भारती विश्वविद्यालय थाने के कांस्टेबल संतोष किसान भापकर की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई है. आयोजकों में दीपक माने, ओंकार मालवाडकर, शांतनु नारके, यशोधन अखाड़े, अतुल चाकणकर, तुषार रायकर, दिनेश नायकू और ओबीसी पुणे शहर अध्यक्ष योगेश पिंगले समेत  100 से 150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस इस मामले में जांच पूरी होने के बाद आगे कार्रवाई करेगी. 

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बता दें कि एक हफ्ता पहले एनसीपी पार्टी के पुणे शहर  कार्यालय उद्घाटन समारोह में भी ऐसे ही कोरोना नियमो की अनदेखी हुई थी. उस कार्यक्रम में जितने लोगों के एकत्र होने की सूचना दी गई थी उससे कई गुना लोगों का वहां जमावड़ा दिखा. उस अवसर पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और वरिष्ठ एनसीपी नेता अजित पवार भी शामिल हुए थे.

और पढ़ें- महाराष्ट्रः कोरोना काल में एनसीपी का ऐलान- चुनाव में 'नो मास्क, नो टिकट'

अजित पवार ने मौके पर ही कोरोना नियमों का हवाला देते हुए बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर ऐतराज जताया था. इस मामले में एनसीपी शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप और अन्य आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. प्रशांत जगताप समेत 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई, फिर उन्हें निजी मुचलके भरने पर रिहा कर दिया गया. 

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