महाराष्ट्र में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बांग्लादेशी महिला को जमानत दे दिया, जिसे भारत में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस ने महिला को गिरफ्तार करने के बाद 24 घंटे के अंदर अदालत में पेश नहीं किया, जो कि कानून और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
क्या है पूरा मामला?
पुलिस ने शबनम सुलैमान अंसारी नाम की बांग्लादेशी महिला को उसके डेढ़ साल के बच्चे के साथ जनवरी 2025 में गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसे 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश नहीं किया था. महिला के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्य पूर्ण है कि पुलिस ने नियमों को नजर अंदाज करते हुए महिला को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश नहीं किया गया. यह संविधान का मूल अधिकार (आर्टिकल 21 और 22) का उल्लंघन है. कोर्ट ने पाया कि जमानत देने की मुख्य वजह यही उल्लंघन है.
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बांग्लादेशी महिला ने क्या पक्ष रखा?
बांग्लादेशी महिला के वकील ने कहा कि वो कई सालों से भारत में रह रही हैं. वह भारतीय पुरुष से शादी कर चुकी हैं. उसके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत अन्य भारतीय दस्तावेज हैं.
वकील ने दावा किया है कि महिला की गिरफ्तारी बस एक कथित कबूलनामे पर है, जो पुलिस ने लिया है.