साईं बाबा के खिलाफ एक और अजीब बयान देकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती फिर विवादों में हैं. अपने गृहनगर सिवनी में शंकराचार्य ने साईं बाबा को 'वैश्या पुत्र' बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता और वैश्या की संतान के रूप में जन्म लिया.
शंकराचार्य ने कहा, 'इंटरनेट में यह बताया गया है कि पिंडारी बहरुद्दीन, जो अफगानिस्तान का रहने वाला था, वह अहमदनगर आया और एक वेश्या के यहां रहा. वहीं ये चांद मियां पैदा हुए, जो शिरडी का साईं बाबा है. इंटरनेट में तो यह दिख रहा है, आप खुद देख लीजिए...'
शंकराचार्य यहीं नहीं रुके. उन्होंने तो साईं बाबा के बढ़ते भक्तों को संक्रामक बीमारी की तरह बताया, 'हिंदू तो हिंदू रहेगा, चाहे वो किसी का भी भक्त हो, आखिर वो दिखाएगा कि वो हिंदू है. हम लोग जो बात कह रहे हैं, वो दूसरी दृष्टि से कह रहे हैं. उदाहरण के लिए समझिए, जैसे बंगला रोग होता है, आंख लाल हो जाती है, लोग कहते हैं ना कि ये संक्रामक रोग है, दूर रहो. वैसे ही ये संक्रामक रोग जैसा फैल रहा है. किसी भी व्यक्ति को जरा-सी भी तकलीफ हो, तो वो चला जाता है साईं बाबा के यहां.'
जब शंकराचार्य से पूछा गया कि कहीं उन्हें ईर्ष्या तो नहीं हो रही है, जो वो अचानक साईं बाबा के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं, तो शंकराचार्य ने कहा कि साईं के भक्त हिंदू धर्म के अनुयायियों को ठग रहे हैं, जो आपत्तिजनक है.
शंकराचार्य ने कहा, हमको उनसे ईर्ष्या तो नहीं हो रही है, लेकिन आपत्ति है. आज उनके जो अनुयायी हैं, वो साईं को विराट रूप में दिखा रहे हैं. बंसी बजाते दिखा रहे हैं, शेषनाग के रूप में दिखा रहे हैं, कहीं अवतार के रूप में दिखा रहे हैं. इस तरह हिंदू धर्म के अनुयायियों को ठग रहे हैं.'
शंकराचार्य ने अपने गृहनगर सिवनी में भी साईं मंदिर और उसके ट्रस्टियों को लेकर तल्ख बातें कहीं. शंकराचार्य के तेवर देखकर तो यही कहा जा सकता है कि यह विवाद इतनी जल्दी थमने वाला नहीं है.