मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने आरएसएस से संबंध रखने वाली संस्था विद्या भारती से जारी देवपुत्र पत्रिका के स्कूलों में भेजने पर रोक लगा दी है.
2010 में सरकार ने संस्था से करीब 13 करोड़ 26 लाख का अनुबंध किया था, जिसके तहत 15 साल तक करीब एक लाख स्कूलों में इस पत्रिका को भेजा जाना था. कांग्रेस ने इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी. सरकार ने पत्रिका को रोकने का फैसला पहले ही ले लिया था, लेकिन इसकी खबर किसी को कानोंकान नही लगी. दरअसल ये पैसा केंद्रीय मानव संसाधन विभाग से दिया गया था और विभाग ने भी आपत्ति लगाई थी.
इस बाबत बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेयी का कहना है कि शिवराज सरकार जनअपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करने के लिए ख्यात है. देवपुत्र बच्चों के लिए उपयोगी पत्रिका है. ये विषय राजनैतिक वजह से विवाद में आया था. इसे बंद करने का निर्णय प्रशासकीय स्तर पर लिया गया है, जिसका हम स्वागत करते हैं.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मानक अग्रवाल कहते हैं कि देवपुत्र के बारे में हमारे विधायक गोविंद सिंह ने तथ्यों सहित लोकायुक्त में इसकीशिकायत की थी. इसकी जांच चल रही थी. इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही थी. जब हमने कहा कि सीबीआई से इस मामले की जांच करानी चाहिए तो दोषियों को बचाने के लिए फैसला ही वापस ले लिया गया. बहरहाल इसकी दोबारा जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए.