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MP: उज्जैन में CAA के समर्थन में रैली निकालने पर हुई FIR, बताई ये वजह

मध्य प्रदेश के उज्जैन में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में रैली निकालने पर विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय माधवनगर थाने में रैली के आयोजकों के खिलाफ बिना अनुमति रैली निकालने पर एफआईआर दर्ज की गई है.

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CAA के समर्थन में निकाली रैली
CAA के समर्थन में निकाली रैली

  • उज्जैन में निकाली थी सीएए के समर्थन में रैली
  • बिना अनुमति रैली निकालने पर एफआईआर

मध्य प्रदेश के उज्जैन में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में रैली निकालने पर विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय माधवनगर थाने में रैली के आयोजकों के खिलाफ बिना अनुमति रैली निकालने पर एफआईआर दर्ज कर ली है.

दरअसल, मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बीते कुछ दिनों से नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में लोग एकजुट हो रहे हैं. रविवार को भोपाल में CAA के समर्थन में बड़ी रैली निकाली गई थी. इसके बाद सोमवार को उज्जैन में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के बैनर तले नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में बहुत बड़ी रैली निकाली गई. इसमें करीब 65 अलग-अलग संगठनों के साथ-साथ करीब 15 हज़ार लोग शामिल हुए थे.

इस रैली में कई वर्गों के लोग शामिल हुए थे. इस रैली में बड़ी संख्या में साधु-संत भी शामिल हुए थे. रैली उज्जैन के आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर से शुरू हुई और करीब 4 किलोमीटर तक चलकर शहीद पार्क पर जाकर समाप्त हुई.

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रैली में आयी भीड़ से नागरिकता संशोधन कानून की समर्थक भारतीय जनता पार्टी गदगद है और उसके नेता सोशल मीडिया पर रैली में आई भीड़ की तस्वीरों को शेयर कर रहे हैं. माधवनगर थाना प्रभारी तरुण कुरील के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के आह्वान पर सोमवार को सीएए के समर्थन में रैली निकाली गई.

इस रैली के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी पर प्रशासन द्वारा इसकी अनुमति नही दी गई थी. इसके बावजूद राष्ट्रीय सुरक्षा मंच ने रैली निकाली. अभी शहर में धारा 144 लागू है. इस रैली से धारा 144 का उल्लंघन हुआ. इसके बाद माधवनगर थाना में राष्ट्रीय सुरक्षा मंच के आयोजको एवं अन्य लोगों के विरूद्ध धारा 188 का प्रकरण दर्ज किया है.   

शिवराज ने बताया 'सरकार का अहंकार'

CAA के समर्थन में रैली निकालने के बाद हुई एफआईआर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि 'उज्जैन में जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से CAA के समर्थन में शांतिपूर्ण रैली निकालने की अनुमति मांगी, लेकिन प्रशासन ने मुख्यमंत्री के इशारे पर अनुमति नहीं दी. जनता ने "रैली" नहीं,"रैला" निकाल दिया. अहंकारी सरकार ने आयोजकों पर केस दर्ज कर दिया. जनता इस 'अहंकार' को चूर-चूर कर देगी'.

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