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मध्य प्रदेश: घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार सेतु के जरिए काम देंगी शिवराज सरकार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'रोजगार सेतु' योजना के जरिए मध्य प्रदेश कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने के लिए शॉर्ट एवं लांग टर्म प्लानिंग के लिए 27 मई से श्रमिकों की सूची (मैपिंग) बनाने का काम शुरू हो गया है.

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मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मध्य प्रदेश में साढ़े छह लाख प्रवासी श्रमिक लौटे
  • श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए का काम शुरू
  • सरकार को 13 लाख मजदूर प्रदेश लौटने का अनुमान

कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते देश के अलग-अलग राज्यों से मध्य प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'रोजगार सेतु' योजना शुरू की है. इस योजना के जरिए मध्य प्रदेश कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने के लिए शॉर्ट एवं लांग टर्म प्लानिंग के लिए 27 मई से श्रमिकों की सूची (मैपिंग) बनाने का काम शुरू हो गया है.

कोरोना संकट के कारण हुए रिवर्स माइग्रेशन से मध्य प्रदेश प्रदेश में कुल 10 से 13 लाख मजदूर प्रदेश लौटने का सरकार को अनुमान है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कुशल प्रवासी मजदूरों को तत्काल कार्य दिलाने के लिए शॉर्ट टर्म प्लान बनाएं. इसके अंतर्गत पंचायतों से डाटा मंगवाये और निर्माण, उद्यम आदि में कुशल श्रमिकों को नियोजित किया जाए

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लांग टर्म प्लानिंग प्लेटफार्म बनाएं
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बैठक कर कहा कि लांग टर्म प्लानिंग के अंतर्गत कुशल मजदूरों की जानकारी और उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं की जानकारी एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराई जाए, जिसके माध्यम से उद्योगों एवं निर्माणकर्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिक उपलब्ध कराए जाएं. इसमें एमएसएमई की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.


प्रवासी मजदूर कौशल रजिस्ट्रर एवं पोर्टल
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रवासी मजदूरों का कौशल रजिस्टर पंचायत स्तर पर बनाया जाए, जिसमें उनके कौशल से संबंधित तथा अन्य जानकारी दर्ज की जाए. साथ ही इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाकर उस पर जानकारी दर्ज की जाए. यह जानकारी नियोजनकर्ताओं को उपलब्ध करायी जाए. शैक्षणिक योग्यता, पूर्व नियोजन, पूर्व वेतन, पूर्व नियोजनकर्ता, कौशल, अपेक्षित मासिक वेतन और मजदूर जिस सेक्टर में कार्य करने का इच्छुक हो वह उल्लेखित किया जाए. 

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घर वापसी करने वाले प्रवासी मजदूर
मध्य प्रदेश की ओर से कहा गया है कि कोरोना के चलते प्रदेश में अभी तक 6.5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे हैं. इनकी संख्या 13 लाख तक जाने का अनुमान है. इनमें से 5 लाख 45 हजार श्रमिक शासन द्वारा उपलब्ध करवाई गई परिवहन व्यवस्था से लाए गए हैं. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर अलीराजपुर जिले में सर्वाधिक 99 हजार 508, बालाघाट में 97 हजार 620, गुना में 67 हजार 261, पन्ना में 28 हजार 406, झाबुआ में 20 हजार 624 और बड़वानी में 20 हजार 182 मजदूर लौटे हैं. इन जिलों में लौटने वाले मजदूरों की संख्या प्रदेश की 52 प्रतिशत है.

प्रवासी मजदूरों के कार्य
प्रवासी मजदूर मुख्य रूप से भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ईंट भट्टा खनन, फैक्ट्री, टेक्सटाइल, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में कार्य करते हैंय ये मजदूर प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाण, कर्नाटक तथा राजस्थान जाते हैं. ऐसे में शिवराज सरकार अब इनकी मैपिंग कर मध्य प्रदेश में ही रोजगार से जोड़ने की प्लानिंग बना रही है. 

 

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