मध्य प्रदेश के सागर (MP Sagar) जिले में मंत्री गोपाल भार्गव के पास भ्रष्टाचार (Corruption) का एक अजीबोगरीब मामला पहुंचा. यहां गांव के सचिव और सह सचिव को रिश्वत नहीं देने पर जिंदा पति-पत्नी को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया. जब शिकायत मंत्री गोपाल भार्गव ने सुनी तो उन्होंने तत्काल दमोह जिला पंचायत CEO को फोन कर फटकार लगाई.
दरअसल, ये पूरा मामला दमोह जिले की पथरिया विधानसभा का है. यहां सोनकिया शाहपुर के सतौआ ग्राम के एक मन्नू उर्फ़ भन्नु रैकवार अपनी पत्नी सीमा और बच्चों को लेकर गढ़ाकोटा में मंत्री गोपाल भार्गव के पास शिकायत करने पहुंचे. शिकायत में बताया कि तीन माह पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास आवंटित हुआ था.
'10 साल के बच्चे को बता दिया दिल्ली का मजदूर'
पीड़ित मन्नू रैकवार ने कहा कि इसके बदले गांव के सचिव शिव पटेल और सहायक सचिव निरंजन तिवारी ने 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. आरोप है कि रिश्वत न देने पर कागजों में दंपत्ति को मृत दर्शा दिया गया. इसके अलावा उनके दस साल के बच्चे को दिल्ली में मजदूरी करना बताकर शासन की योजनाओं से वंचित कर दिया.
PWD मंत्री गोपाल भार्गव ने जब शिकायत सुनी तो तुरंत उन्होंने दमोह जिला पंचायत के CEO फटकार लगाते हुए परिवार के साथ न्याय करते हुए दोषी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.