मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर स्थित सरदार सरोवर बांध के प्रभावितों के लिए बनाए गए पुनर्वास जगहों और राहत शिविरों की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का अभियान शुरू हो गया है. बारिश के चलते नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके डूबने की कगार पर आ जाते हैं और सैकड़ों परिवारों को पुनर्वास स्थल और राहत शिविरों में वक्त गुजारना पड़ता है. हालांकि कई परिवार अभी भी इन जगहों पर रहते हैं.
इंदौर संभाग के आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने बुधवार को धार जिले में सरदार सरोवर परियोजना के तहत स्थापित पुनर्वास जगहों और राहत शिविरों का जायजा लिया. उन्होंने खलघाट के शाला पुनर्वास स्थल का जायजा लिया और राहत शिविर में बनाए गए शेडों की क्षमता की जानकारी ली. इसके साथ ही उन्होंने राहत शिविर में बनाएं गए शौचालयों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने शौचालयों में पानी की व्यवस्था और पेयजल व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश भी दिए.
त्रिपाठी ने गोपालपुरा, सीरजगांव में स्थित नर्मदा नगर, कोठड़ा में स्थित राहत शिविरों की बिजली, पानी और अन्य मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को इन स्थलों पर मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बारिश के दौरान नर्मदा नदी के जलस्तर पर बराबर नजर रखें और जल स्तर बढ़ने पर लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट करें. साथ ही मोटर बोट, रस्सी, टार्च व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था भी की जाए.
संभागायुक्त त्रिपाठी ने कुक्षी के विश्राम गृह में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक ली और इस बैठक में सरदार सरोवर परियोजना के तहत डूब प्रभावित लोगों के पुनर्वास कार्य की प्रगति की समीक्षा की. वहीं अधिकारियों को शासन के निर्देशानुसार पुनर्वास कार्य करने के निर्देश दिए.