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Madhya Pradesh में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले लिए जाएंगे वापस

Madhya Pradesh Congress government will withdraw political cases against its workers and leaders मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के दौरान प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किए गए केस वापस लिए जाएंगे. इस बाबत जल्द ही प्रस्ताव तैयार करके सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने पेश किया जाएगा.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फेसबुक फोटो- TheKamalNath)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फेसबुक फोटो- TheKamalNath)

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के नवनियुक्त विधि और विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के दौरान प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'मैं अपने विभाग विधि और विधायी कार्य के प्रमुख सचिव से जल्द ही इस मामले में प्रस्ताव तैयार करने के लिए चर्चा करूंगा.'

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष पेश किया जाएगा. शर्मा ने कहा कि आंदोलनों में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारी और नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामलों को भी वापस लेने पर विचार किया जाएगा. साथ ही कांग्रेस घोषणा पत्र में किए गए वादे के अनुसार प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का भी प्रस्ताव है.

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शर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि महिलाओं के खिलाफ मामलों की सुनवाई शीघ्र अदालतों में कराने की व्यवस्था की जाएगी. वहीं, शुक्रवार को मध्य प्रदेश में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है. शपथ लेने के 3 दिन बाद मंत्रियों में विभागों का बंटवारा हुआ है. सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औद्योगिक नीति एवं निवेश, जनसम्पर्क, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, विमानन, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार मंत्रालय अपने पास रखा है.

इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को नगरीय विकास और आवास मंत्रालय दिया गया है, जबकि बाला बच्चन को गृह मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा सज्जन सिंह वर्मा लोक निर्माण और पर्यावरण विभाग देंखेंगे, जबकि आरिफ अकील को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग दिया गया है.

इसके अतिरिक्त बृजेंद्र सिंह राठौर को वाणिज्यिक कर विभाग, गोविंद सिंह राजपूत को राजस्व और परिवहन विभाग, इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, प्रियब्रत सिंह को ऊर्जा विभाग, तरूण भनोट को वित्त मंत्रालय, उमंग सिंघार को वन विभाग, सचिन यादव को किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, डॉक्टर विजयलक्ष्मी साधो को संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभागस, हुकुम सिंह कराड़ा को जल संसाधन विभाग, डॉक्टर गोविंद सिंह को सहकारिता और संसदीय कार्य विभाग, प्रदीप जायसवाल को खनिज साधन विभाग, लाखन सिंह यादव को पशुपालन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विभाग और ओंकार सिंह मरकाम को जनजातीय कार्य विभाग, जनजाति कल्याण विभाग दिया गया है.

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