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मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायक ने उठाई पबजी बैन करने की मांग

बच्चों के हिंसक होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह इस गेम में हथियारों का होना है. जिसके इस्तेमाल से इसे खेलने वाले बच्चे हिंसक हो रहे हैं. विधानसभा में चर्चा के दौरान गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि उन्होंने गृह विभाग के अफसरों से पबजी गेम से जुड़ी जानकारी मंगाई है.

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दुनिया भर में बच्चों और युवाओं के बीच लोकप्रिय हो चुके पबजी गेम को मध्य प्रदेश में बैन करने की मांग उठी है. मंदसौर से बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन सदन में इसकी मांग की है.

सदन में पबजी गेम पर चर्चा हुई, जिसके बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का गृह विभाग जल्द ही इस खेल से जुड़े पहलुओं पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा. जिसके बाद उसे बैन किया जाए या नहीं इसपर विचार किया जाएगा. विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सदन में पबजी बैन करने का मामला उठाते हुए सत्र की कार्यवाही के दौरान इसे खतरनाक बताते हुए कहा कि पबजी गेम से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, उनकी परीक्षाएं सिर पर हैं.

विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि पबजी गेम से बच्चे हिंसक हो रहे हैं. उनके पास लगातार अभिभावकों की ऐसी शिकायतें भी आ रही हैं. बच्चों के हिंसक होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह इस गेम में हथियारों का होना है. जिसके इस्तेमाल से इसे खेलने वाले बच्चे हिंसक हो रहे हैं. विधानसभा में चर्चा के दौरान गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि उन्होंने गृह विभाग के अफसरों से पबजी गेम से जुड़ी जानकारी मंगाई है. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री बाला बच्चन से कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि इस गेम को मध्य प्रदेश में बैन किया जाए. पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही इसपर कोई फैसला लिया जाएगा.

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क्या है 'पबजी गेम'?

आपको बता दें कि पबजी एक शूटर ओरिएंटेड गेम है, जिसमें 100 खिलाड़ियों को एक टापू पर छोड़ दिया जाता है. इन्हें एक दूसरे को बंदूक के ज़रिए मारना होता है. दूसरे खिलाड़ियों को मारते हुए और उनसे खुद को बचाते हुए आखिरी तक जो बचता है वो गेम जीत जाता है.

पुलिस करती रही है जागरूक

पबजी और इसके जैसे दूसरे ऑनलाइन गेम्स से स्कूली छात्रों को बचाने के लिए देश के कई शहरों में पुलिस स्कूल में जाकर बच्चों को इसके खतरनाक साइड इफेक्ट के बारे में बता भी रही है. इसके साथ ही अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वो अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें ताकि बच्चे इंटरनेट पर ज्यादा वक्त ना बिताएं और ऑनलाइन गेम्स की लत से बचे रह सकें.

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