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'मामा' वाली छवि के उलट अब 'सख्त मुख्यमंत्री' कैसे बने? शिवराज ने खुद बताया

आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुलकर बात की. उन्होंने ये भी बताया कि क्यों उन्हें मामा से सख्त सीएम की छवि अपनानी पड़ी.

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एक साल पूरा होने पर सीएम शिवराज ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
एक साल पूरा होने पर सीएम शिवराज ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिवराज को CM बने आज एक साल पूरा
  • पिछले साल 23 मार्च को चौथी बार ली थी शपथ
  • बतौर सीएम शिवराज के 14 साल भी पूरे हुए

शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए मंगलवार को पूरा एक साल हो गया है. पिछले साल 23 मार्च को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. एक साल पूरा होने पर उन्होंने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया है कि क्यों उन्हें अपनी 'मामा' वाली छवि से हटकर 'सख्त मुख्यमंत्री' वाली छवि में आना पड़ा है. 

दरअसल, शिवराज सिंह चौहान का अबतक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहने का कुल कार्यकाल 14 साल का हो गया है. वह 2005 से 2018 तक लगातार मुख्यमंत्री रहे और फिर 2020 में एक बार फिर मुख्यमंत्री बने. पिछले साल उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

कोरोना रहा सबसे बड़ी चुनौती
आजतक से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 'बहुत कठिन रहा ये एक साल. कोरोना जैसी महामारी हमारे सामने थी. हमने शून्य से शुरुआत की और प्रदेश ने कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ी. शपथ लेते ही मैंने सबसे पहले कोरोना समीक्षा बैठक ली थी. तब से मैं नियमित रूप से ये बैठक ले रहा हूं. जब महामारी फैलना शुरू हुई थी तब इसकी ज्यादा तैयारी नहीं थी, लेकिन मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूं कि आज हम इस बीमारी से लड़ाई के लिए पहले से ज्यादा तैयार हैं. कोरोना एक बार फिर से सिर उठा रहा है. मैं चिंतित हूं. तेजी से मामले सामने आ रहे हैं इसलिए हमने अभियान शुरू किया है. मैं खुद लोगों को मास्क पहना रहा हूं और हम सबको जागरूक होना होगा. अब सभी जनप्रतिनिधियों के साथ जनता की भी जिम्मेदारी है कि वो जागरूक हों. हम सबको मिलकर कोरोना से लड़ाई लड़नी है और जीतना है. 

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कोरोनाकाल मे भी किसानों को दी राहत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 'हमने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और किसानों के खातों में हज़ारों करोड़ रुपये डाले. गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन किया और पंजाब को इस मामले में पीछे छोड़ दिया. इस साल भी मैं किसानों से वादा कर रहा हूं कि उनके गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा. 

दुष्टों के लिए दुर्जन, सज्जन के लिए कोमल
अपनी 'मामा' वाली छवि के विपरीत अब शिवराज 'सख्त मुख्यमंत्री' वाली छवि के लिए सुर्खियों में हैं. इस बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि 'सज्जनों के लिए फूल से कोमल और दुष्टों के लिए दुर्जन इसी ध्येय के साथ इस बार काम करना है. मैंने जब पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब चंबल में डकैतों का राज था. मैने तभी ठान लिया था कि MP में या तो डकैत रहेंगे या फिर मैं और आप देखिए हमने उनका सफाया किया. अभी हम माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं और हजारों करोड़ रुपए की जमीनों पर से अतिक्रमण को हमने हटाया है. सरकारें किसी की भी हो, ये माफिया सेटिंग कर लेते थे लेकिन अब जैसे ही मेरी जानकारी में मामला सामने आया तो कार्रवाई हो रही है. मैं अपील करता हूं कि लोग सोशल मीडिया पर भी मुझे सीधे शिकायत भेजें हम उस पर कार्रवाई करेंगे'.

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