संचार क्रान्ति का जीता जागता उदाहरण मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील का ‘सारंगी’ गांव है, जहां आये दिन होने वाली चोरी की वारदातों की रोकथाम के लिए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग हो रहा है.
सारंगी गांव निवासी बाबूलाल ने बताया कि गांव के लोग आए दिन होने वाली वारदातों से परेशान थे. इसलिए उन्होंने यह प्रयोग किया है, जो इन वारदातों की रोकथाम के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रहा है.
उन्होंने कहा कि गांव में चोरी की वारदात बहुत अधिक बढ़ने के बाद ग्रामीणों ने यह कदम उठाया है. गांव की सुरक्षा के लिए इस नई तकनीक को अपनाने वाला यह प्रदेश का संभवत: पहला गांव है.
लगभग पांच हजार की आबादी वाले सारंगी गांव में पिछले माह ही चोरी की पंद्रह वारदातें हो चुकी हैं. इनसे परेशान ग्राम सुरक्षा समिति ने जनभागीदारी से पांच लाख रुपए एकत्रित कर गांव में 90 कैमरे लगाने की योजना बनाई और उनकी रिकार्डिग के लिए एक कक्ष भी बनाया.
इन कैमरों से कोई भी आपराधिक घटना होने पर उसकी रिकारर्डिगं हो जाएगी. साथ ही अपराधियों में पकड़े जाने का भय रहेगा और ऐसी घटनाओं में कमी आएगी.