बिहार के दशरथ मांझी और झारखंड के चारा पाहन की कहानी मिलती झूलती है. दशरथ मांझी की ही तरह चारा पाहन की पत्नी जब बीमार पड़ी तो उन्होंने अपने जज्बे से एक मिसाल ही कायम कर डाली. गांववाले भी चारा के हौसले और जज्बे को नमन करते हैं. वे न तो इंजीनियर है ना ही तकनीकी ज्ञान है, लेकिन बगैर मोटर के ही पाइपलाइन से उन्होंने अपने घर ही नहीं, गांव तक पहुंचा दिया. देखिए आजतक संवाददाता सत्यजीत कुमार की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.