झारखंड के साहिबगंज में एक बैंक मैनेजर पर विधायक का चुनाव लड़ने का ऐसा नशा चढ़ा कि वह अपने ही बैंक के ग्राहकों का पैसा साइबर ठगों के साथ मिलकर निकालने लगा और उन पैसों को अपने चुनाव क्षेत्र में जनता को लुभाने के लिए खर्च करने लगा. इसका खुलासा पुलिस ने एक साइबर ठगी के मामले की जांच के दौरान किया.
पूरा मामला साहिबगंज की एसबीआई दुमका शाखा के तत्कालीन मैनेजर मनोज कुमार राय का है, जिनपर साहिबगंज के राजमहल से चुनाव लड़ने की ऐसी सनक चढ़ी कि वो ग्राहकों के रुपये साइबर ठगों से निकालकर वोटरों में धोती-साड़ी बांटने लगा. यह कारनामा ब्रांच मैनेजर बैंक खाते में दर्ज मोबाइल नंबर को बदलकर साइबर ठगों के साथ मिलकर करता.
ताकि ग्राहकों को पैसे निकासी का खबर ना मिल सके और आसानी से ओटीपी साइबर ठगों तक पहुंच जाए है. मामले का खुलासा तब हुआ जब साइबर अपराधियों ने बरहड़वा रेलवे कॉलोनी निवासी हलधर राय के खाते से करीब 11 लाख रुपये उड़ा लिए. मामले की जांच के क्रम में बैंक मैनेजर मनोज कुमार की संलिप्तता सामने आयी थी.
इसके बाद पुलिस ने मनोज कुमार राय के साथ-साथ अनवर और सुनील नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि मैनेजर मनोज कुमार ने ग्राहक के बैंक खाते में उसका मोबाइल नंबर ही बदल दिया था, पैसा उड़ाने में साहिबगंज कालेज रोड में ए-टू-जेड मोबाइल सर्विस सेंटर चलानेवाले अनवर और भरतिया कालोनी के सुनील भी शामिल था.
पुलिस के मुताबिक, सुनील पूर्व में एसबीआइ की पीबी शाखा में बतौर निजी तौर पर काम करता था. वह मूलत: पटना के महावीर कालोनी का रहनेवाला है. वर्तमान में सागर कॉलोनी लोहंडा में घर बनाकर रह रहा था.
राजमहल विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहता था मनोज
मैनेजर मनोज कुमार ने शिकारीपाड़ा में शाखा प्रबंधक रहते हुए एक करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की थी. हालांकि, इस जालसाजी के काम में वह पकड़ा गया. उसकी गिरफ्तारी के लिए तब बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल में पुलिस को एक साथ छापेमारी की थी.
उस दौरान उसने पूछताछ में बताया था कि वह राजमहल विधानसभा सीट से चुनाव लडऩा चाहता था. वह अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए धोखाधड़ी के जरिये कमाए रुपये से लोगों के बीच धोती-साड़ी बांटता था.