देश में इस समय यूसीसी यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक कानून की चर्चा जोरों पर है, जिस पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं के द्वारा अपने अपने स्तर से इसका विरोध और समर्थन किया जा रहा है. यूसीसी पर चर्चा और विमर्श के बीच झारखंड के साहिबगंज जिले के एक पंचायत ने परंपरा के नाम पर एक ऐसी फरमान जारी की है जो आपको शायद ही किसी संविधान के धाराओं में मिले. पंचायत ने ना केवल तुगलकी फरमान जारी किया बल्कि उसे लागू भी कर दिया है. जिससे एक परिवार समाज में रहते हुए भी समाज से अलग कर दिया गया है.
मामला साहिबगंज जिले के जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र अंतर्गत बड़ा मदनशाही, छोटा पांगड़ो में पंचायत का है. जहां पंचायत ने तुग़लकी फरमान जारी कर 14 सदस्यों के एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया है. जिसके बाद पीड़ित परिवार की महिला सनेजा खातून ने शनिवार को डीसी से मामले में न्याय की गुहार लगाई.
उन्होंने आवेदन में बताया कि उनके नाम से जमीन सह मकान पर वर्षों से उनका परिवार रह रहा है. लेकिन शमशेर अली अपने परिवार व सहयोगियों की मदद से जबरन उनकी जमीन सह मकान हड़पना चाहता है. इसकी शिकायत जिरवाबाड़ी ओपी व न्यायालय में करने पर शमशेर अली ने आक्रोशित होकर गांव के पंचायत से मिलकर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा.
5 जुलाई को पंचायत बुला कर उसकी जमीन का ऑरिजनल कागज़ात फाड़वा कर शमशेर के नाम से कागज बनवाने का दबाव बनाया गया. विरोध करने पर पंचायत ने प्यादा दाऊद अंसारी के माध्यम से उनके परिवार का हुक्का पानी बंद कराने का एलान करा दिया. पंचायत की बात नहीं मानने वाले पर 10000 रुपया फाइन और 15 लाठी की सजा का भी एलान करवा दिया गया. इससे संबंधित वीडियो भी वायरल किया गया. तबसे उसके परिवार से समाज का कोई व्यक्ति संबंध नहीं रख रहा है. ना ही गांव के किसी दुकान से राशन, समान, दवाई या अन्य जरूरी समान दिया जा रहा है. उनका पूरा परिवार भूख से मरने की स्थिति में आ गया है. उनके साथ कभी भी मॉब लिंचिंग जैसी घटना हो सकती है. पीड़िता ने आवेदन की कॉपी एसपी, डीजीपी व अन्य को भी प्रेषित कर न्याय की गुहार लगाई है.
क्या कहते हैं उप मुखिया
इधर गांव के उपमुखिया मोहम्मद अलाउद्दीन ने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है. केवल पंचायत के रजिस्टर से परिवार का नाम काटा गया है. क्योंकि यह परंपरा है. पंचायत का आदेश नहीं मानने पर ऐसा पहले भी किया जा चुका है. परिवार के हुक्का पानी बंद करने का मामला है ऐसी कोई बात नहीं है. वायरल वीडियो पर उन्होंने कहा कि यह अति उत्साह में जबरदस्ती घोषणा कर दी गई है जिस पर किसी प्रकार का कोई अमल नहीं किया जा रहा है.
एसडीओ एवं थाना प्रभारी ने सुलह कराने का किया प्रयास
उपायुक्त को पीड़ित परिवार के द्वारा आवेदन देने के बाद सिविल एसडीओ राहुल आनंद एवं ओपी थाना प्रभारी चिरंजीत प्रसाद ने रविवार को गांव वाले के साथ मीटिंग की है. जिसमें ग्रामीणों एवं पीड़ित परिवार को समझा-बुझाकर मामला शांत कराने का प्रयास किया गया है. पीड़ित परिवार की तरफ से फिर से अभी तक कोई शिकायत नहीं की गई है.