झारखंड में राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार मंथन ने कांग्रेस और JMM के बीच दूरियां पैदा कर दी हैं. कांग्रेस का पूरा प्रयास था कि इस बार राज्यसभा में झारखंड से उनका उम्मीदवार जाए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी उनका समर्थन कर दे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हेमंत सोरेन से मुलाकात भी की. लंबी मीटिंग हुई, लेकिन फिर भी अंत में कांग्रेस के हाथ खाली रह गए और एक बार फिर झारखंड से JMM का उम्मीदवार खड़ा होने जा रहा है. पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि महुआ माजी उनकी राज्यसभा उम्मीदवार होने जा रही हैं.
पहले ऐसी खबरें थीं कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किए जा सकते हैं. ऐसी अटकलें भी थीं कि हेमंत सोरेन कांग्रेस के ऑफर को मान गए हैं. लेकिन अब JMM ने महुआ माजी को उम्मीदवार घोषित कर बड़ा दांव चल दिया है. सोनिया गांधी के ऑफर को ठुकरा क्योंकि ये फैसला हुआ है, ऐसे में इसके मायने और ज्यादा निकाले जा रहे हैं. इस बारे में आजतक से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैं कि महुआ माजी को उम्मीदवार घोषित करना JMM का निजी फैसला है, कांग्रेस से कोई राय नहीं ली गई. उन्होंने ये भी बताया कि वे इस मुद्दे को लेकर अविनाश पांडे से बात कर चुके हैं.
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी के इस फैसले का सारा श्रेय JMM अध्यक्ष शिबू सोरेन को दे दिया है. उन्होंने खुद को इस फैसले से दूर रखते हुए कहा है कि महुआ माजी को उम्मीदवार बनाने से पहले काफी मंथन किया गया था. सोनिया गांधी से भी जो मुलाकात हुई थी, उसकी सारी जानकारी शिबू सोरेन को दे दी गई थी. उसके बाद ही महुआ माजी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर सहमति बनी. अभी के लिए इस एक फैसले के बाद से झारखंड कांग्रेस में नाराजगी साफ नजर आ रही है. कई नेता बयान देने से भी बच रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन से बात करने का प्रयास हुआ तो उन्होंने आला अधिकारियों से मंथन वाली बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
दूसरी तरफ हेमंत सोरेन कह रहे हैं कि मैं सीधी बात करना पसंद करता हूं लेकिन अभी गठबंधन से बंधा हूं जिसका सम्मान किया जाना चाहिए. उनके इस एक बयान ने भी अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है और राज्य का सियासी तापमान भी बढ़ा है.