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तालाब किनारे कंबल में लिपटी जिंदगी...लावारिस पड़ी मिली एक दिन की मासूम बच्ची

झारखंड के पलामू में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया. हुसैनाबाद इलाके में रविवार को पानी के किनारे एक दिन की नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली. पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज जारी है. फिलहाल बच्ची को छोड़ने वाले की तलाश में पुलिस जांच कर रही है.

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तालाब किनारे लावारिस पड़ी मिली एक दिन की मासूम बच्ची (Photo: Representational Image)
तालाब किनारे लावारिस पड़ी मिली एक दिन की मासूम बच्ची (Photo: Representational Image)

झारखंड के पलामू जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है. रविवार को एक नवजात बच्ची को तालाब के किनारे लावारिस हालत में छोड़ दिया गया. बच्ची की उम्र महज एक दिन बताई जा रही है. उसे तुरंत पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से हुसैनाबाद उप-डिविजनल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है.

मामला हुसैनाबाद थाना क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक,रविवार सुबह कुछ ग्रामीणों ने स्थानीय जलाशय के पास एक नवजात बच्ची को रोते हुए देखा. बच्ची को कंबल में लिपटा हुआ छोड़ दिया गया था. ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी ने बच्ची को अपनी टीम की मदद से अस्पताल पहुंचाया.

चौधरी ने बताया, 'हमें सूचना मिली कि एक नवजात बच्ची तालाब के किनारे पड़ी है. हमने तुरंत मौके पर पहुंचकर बच्ची को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं. बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर है.'

वहीं,मेदिनीनगर के एसडीपीओ मनी भूषण प्रसाद ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. अभी तक किसी ने बच्ची को अपना नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि यह भी जांच की जा रही है कि बच्ची को वहां किसने और क्यों छोड़ा. पुलिस आस-पास के गांवों और अस्पतालों में हाल ही में हुए प्रसव की जानकारी भी जुटा रही है, ताकि जिम्मेदार व्यक्ति तक पहुंचा जा सके.

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पुलिस के अनुसार, यह संभव है कि बच्ची को जन्म के तुरंत बाद लिंग भेदभाव या आर्थिक कारणों से छोड़ दिया गया हो. फिलहाल हुसैनाबाद थाना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है और CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बच्ची को बचाने के लिए आगे आने वाली पुलिस टीम की सराहना की है. सोशल मीडिया पर भी इस घटना के बाद बच्ची को गोद लेने की मांग उठने लगी है. जिला प्रशासन ने कहा है कि यदि कोई कानूनी रूप से बच्ची को गोद लेना चाहता है तो उसे संबंधित विभाग से संपर्क करना होगा.
 

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