झारखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और सूबे की सत्ता पर काबिज झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) चुनावी मोड में आ गया है. चंपई सोरेन की सरकार ने चुनाव करीब आते ही महिलाओं और युवाओं पर फोकस कर दिया है. सीएम चंपई सोरेन ने अगले तीन महीने में 40 हजार युवाओं को नौकरी देने और 25 से 50 साल तक की महिलाओं को हर महीने नकद सहायता देने का ऐलान किया था. महिलाओं को नकद सहायता देने की योजना को लेकर अब अधिक डिटेल सामने आई है.
सीएम चंपई सोरेन एक दिन पहले महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने कहा कि 25 से 50 साल की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी. सीएम चंपई सोरेन ने यह भी कहा कि हमारी सरकार महिलाओं को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और खान-पान में सुधार, सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने अधिकारियों से युद्ध स्तर पर इस योजना को लागू करने की तैयारियों में जुट जाने के लिए भी कहा है जिससे तय समय में पात्र महिलाओं तक योजना का लाभ पहुंच सके.
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सीएम सोरेन ने आईटी विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे लेकर पोर्टल बनाने के निर्देश भी दिए हैं. इस योजना को लेकर अब तक जो जानकारियां सामने आई हैं, उनके आधार पर कहा जा रहा है कि झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री बहन बेटी स्वावलंबन योजना पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार जैसी ही होगी. लक्ष्मी भंडार योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे परिवार की महिला को हर महीने नकद सहायता उपलब्ध कराती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2021 चुनाव में ये योजना शुरू करने का वादा किया था और चुनाव बाद सरकार बनने पर इसे लागू किया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपये की सहायता राशि हर महीने देने का फैसला लिया गया है लेकिन इसके लिए वित्त विभाग और कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी.
गौरतलब है कि झारखंड सरकार की कैबिनेट ने इसी साल जनवरी में सभी महिलाओं, जनजातियों और दलितों के लिए वृद्धा पेंशन योजना के लिए पात्रता की उम्र सीमा घटाकर 50 साल करने के फैसले को मंजूरी दी थी. इससे पहले 60 साल से अधिक उम्र के लोग सरकार की इस योजना का लाभ ले पाते थे. इस योजना के तहत लाभार्थियों को एक हजार रुपये हर महीने दिए जाते हैं.