झारखंड पुलिस ने माओवादी संगठन के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. गुरुवार, 25 सितंबर 2025 को कोल्हान और सारंडा क्षेत्र में सक्रिय भाकपा (माओवादी) संगठन के 10 सदस्य पुलिस और केंद्रीय बलों के सामने आत्मसमर्पण कर गए. आत्मसमर्पण करने वालों में 4 महिलाएं भी शामिल हैं.
आत्मसमर्पण पुलिस लाइन में DGP अनुराग गुप्ता के समक्ष हुआ. DGP ने कहा कि झारखंड की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति देश की बेहतरीन नीतियों में से एक है. उन्होंने कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें नई जिंदगी के अवसर दिए जाएंगे। वहीं जो हथियार उठाए रखेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
10 नक्सलियों ने किया सरेंडर
अनुराग गुप्ता ने यह भी कहा कि राज्य में 31 दिसंबर 2025 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा. झारखंड पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की संयुक्त मुहिम के दबाव में माओवादी संगठन की पकड़ लगातार कमजोर हो रही है. पुलिस की जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में पुलिस और केंद्रीय बलों ने 9631 अभियान संचालित किए. इन अभियानों में 175 नक्सली गिरफ्तार हुए और 10 मुठभेड़ में मारे गए. भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और कारतूस बरामद किए गए हैं.
भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और कारतूस बरामद किए
आत्मसमर्पण करने वालों में एरिया कमेटी सदस्य रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोइपाई और दस्ते के सक्रिय सदस्य गार्टी कोड़ा, जॉन उर्फ जोहन पूरती, निरसो सीदू उर्फ आशा, घोनोर देवगम, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, कैरा कोड़ा, कैरी कायम उर्फ गुलांची, सावित्री गोप उर्फ मुतुरी उर्फ फुटबॉल और प्रदीप सिंह मुण्डा शामिल हैं. ये सभी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहे हैं. राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से अब तक 26 नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं. आज के आत्मसमर्पण को सुरक्षा एजेंसियों ने माओवादियों के लिए बड़ा झटका बताया है.