झारखंड की चंपई सरकार पर मंडराता हुआ संकट फिलहाल टल गया है. दिल्ली में डेरा डाले हुए कांग्रेस के विधायक रांची वापस लौट आए हैं. दरअसल महागठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस के आठ विधायक पुराने चेहरों को फिर मंत्री बनाने से नाराज थे और दिल्ली में डटे हुए थे. इन नाराज विधायकों की मांग थी, पुराने चेहरों की बजाय नए चेहरों को मंत्री पद दिया जाए.
नाराज विधायक पार्टी आलाकमान से मिलकर अपनी बात रखना चाहते थे, जिसके लिए वो 17 फरवरी की शाम को दिल्ली आ गए थे, लेकिन उन्हें आलाकमान से मिलने का समय नहीं दिया जा रहा था. बुधवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इन विधायकों से मुलाकात की और उनसे आश्वासन मिलने के बाद विधायकों ने रांची वापस लौटने का फैसला किया.
कांग्रेस के ये धड़ा प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष से भी नाराज था. सरकार में भी इस धड़े से कोई शामिल नहीं हुआ तो इससे नाराजगी और बढ़ गई, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में आलाकमान से अपनी बात रखने की कोशिश की. आखिरकार करीब पांच दिन बाद महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने में सफल हो गए. रांची पहुंचकर विधायकों ने कहा कि राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही संगठन से लेकर मंत्रिमंडल में विस्तार होगा.
16 फरवरी को हुई था कैबिनेट विस्तार
झारखंड में 16 फरवरी को चंपई सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ था, जिसमें कांग्रेस की ओर से आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को शामिल किया गया था. हालांकि इससे कांग्रेस का दूसरा धड़ा नाखुश था और उसी दिन रांची के एक होटल में 12 नाराज विधायक इकट्ठे हुए. इन विधायकों से JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन के छोटे बेटे बसंत सोरेन ने उनसे मुलाकात भी की थी. इनमें से आठ विधायक दिल्ली में आलाकमान से अपनी बात रखने आए थे.
चंपई सोरेन ने खड़गे से की थी मुलाकात
कांग्रेस विधायकों की नाराजगी की खबर के बीच सीएम चंपई सोरेन भी दिल्ली आए थे और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. इसके बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि सरकार बनने के बाद मैं पहली बार दिल्ली आया और यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी. वहीं JMM और कांग्रेस के बीच मनमुटाव की खबरों पर कहा था कि यह कोई मुद्दा नहीं है, हमारा गठबंधन मजबूत है.