हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. हालांकि उन्होंने अभी तक सीएम पद की शपथ नहीं ली है. इसी बीच बीजेपी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी रांची पहुंच गए हैं. वह पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का दावा है कि विधायक भ्रमित हैं और चंपई सोरेन का समर्थन करने को तैयार नहीं हैं.
दीपक प्रकाश ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस जिन 43 विधायकों को लेकर दावा कर रही है वह गलत है. लिहाजा झारखंड के ताजा सियासी घटनाक्रम पर बीजेपी बारीकी से नजर बनाए हुए है. कई नेताओं से बातचीत भी चल रही है. बता दें कि झारखंड में सबसे बड़ी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ही है. दूसरे नंबर पर बड़ी पार्टी बीजेपी है, अगर ऐसी स्थिति बनती है कि INDIA गठबंधन के कुछ विधायक जो झामुमो को समर्थन दे रहे हैं, वह बीजेपी की तरफ आते हैं तो भाजपा के पास संख्या बल आ जाता है तो बीजेपी सरकार बनाने की ओर बढ़ सकती है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रमुख हेमंत सोरेन को बुधवार रात रांची के राजभवन में राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के कुछ मिनट बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी द्वारा सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रात 9:33 बजे हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया. सूत्रों ने बताया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा. जांच एजेंसी ईडी सोरेन की हिरासत की मांग करेगी और झामुमो प्रमुख के खिलाफ एकत्र किए गए सभी सबूत पेश करेगी.
बता दें कि चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के समर्थन के साथ नई सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के सामने पेश किया है. चंपई सोरेन ने कहा कि हमारे पास 43 विधायकों का समर्थन है, उन्होंने मुझे अपना नेता चुना है. वहीं, झारखंड विधायक और कांग्रेस नेता दीपिका पांडे सिंह ने आरोप लगाया कि झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों का अपमान किया गया और उन्हें राजभवन छोड़ने के लिए कहा गया. हमें राजभवन द्वारा आमंत्रित किया गया था और राज्यपाल से मिलने का समय दिया गया था. जब हम पहुंचे, तो विधायकों को प्रवेश नहीं करने दिया गया और बाहर जाने के लिए कहा गया। राजभवन भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहा है.