बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे कथित हमलों और अत्याचार के विरोध में देशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में धनबाद के कोयलांचल क्षेत्र में भी हिंदू संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया. निरसा के एग्यारकुण्ड इलाके में करणी सेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद सहित कई संगठनों ने आक्रोश रैली निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया.
यह रैली एग्यारकुण्ड मोड़ से शुरू होकर नेहरू रोड होते हुए चिरकुंडा शहीद चौक तक पहुंची. रैली में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. हाथों में झंडे और तख्तियां लिए प्रदर्शनकारी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए.
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शहीद चौक पर पुतला दहन, लगे नारे
रैली के समापन पर चिरकुंडा शहीद चौक में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन किया गया. इस दौरान 'बांग्लादेश मुर्दाबाद' जैसे नारे लगाए गए. प्रदर्शन के दौरान माहौल काफी उग्र रहा, हालांकि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही.
करणी सेना के राष्ट्रीय मंत्री अमन सिंह, बजरंग दल चिरकुंडा के रंजीत रवानी और भाजपा नेता दशरथ साव ने संयुक्त रूप से इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. नेताओं ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार अब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
नेताओं ने गिनाईं घटनाएं, जताया गुस्सा
करणी सेना के राष्ट्रीय मंत्री अमन सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि वहां की सरकार को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
भाजपा नेता दशरथ साव ने आरोप लगाया कि पहले दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और उसके शव को पेड़ से लटका दिया गया. उन्होंने इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताया. उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिनों बाद अमृत मंडल की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिसे हिंदू संगठन किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे.
भारत सरकार से कार्रवाई की मांग
बजरंग दल के रंजीत रवानी ने भारत सरकार से इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को रोकने के लिए भारत सरकार को ठोस और सख्त कदम उठाने चाहिए.
रैली में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता, करणी सेना के सदस्य और बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक शामिल रहे. प्रदर्शनकारियों ने एक सुर में बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई.