करीब तीन साल पुराने उधमपुर बम धमाका मामले में जिला और सेशन अदालत ने राजौरी के गैजेटेड अफसर अब्दुल मजीद को उम्र कैद की सजा सुनाई है. मजीद पर हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर गुलाम सरवर को सामान मुहैया करने का दोषी करार दिया गया है.
गौरतलब है कि दो मई 2012 की सुबह लगभग साढ़े आठ बजे उधमपुर स्थित ब्रिमा ब्रिज के पास धनोरी इलाके में गुलाम सरवर एक मारुति कार (डीएल 3 सीएफ 8035) में आरडीएक्स लेकर पहुंचा और उसे रिमोट कंट्रोल से उड़ा दिया. यह कार अब्दुल मजीद के नाम पर दिल्ली से 27 हजार की रकम अदा कर खरीदी गई थी. इस हादसे में एक दूध वाले कुलदीप कुमार की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे, जबकि मेजर जनरल डीएस पठानिया बाल-बाल बच गए थे.
मजीद ने सरवर को लिया था गोदसेना मुख्यालय के पास हुई इस वारदात में सेना के मेजर जनरल पठानिया की कार (06 बी 094894 एच) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. इस मामले में उधमपुर पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया. जांच के बाद आरोपी अब्दुल मजीद और गुलाम सरवर के खिलाफ चालान अदालत में पेश किया गया. आरोपी सरवर के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 512 के तहत कार्यवाही की गई.