जम्मू-कश्मीर पुलिस की सुरक्षा विंग ने जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप के आसपास के इलाके में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं. सुरक्षाबलों ने जम्मू में 28 जून से वार्षिक यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सर्च और स्वच्छता अभियान शुरू किया.
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ विनोद कुमार ने कहा, "यात्रा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है. जम्मू के भगवती नगर इलाके में बेस कैंप शिविर के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. एसएसपी ने कहा कि जम्मू शहर में लॉजमेंट और रजिस्ट्रेशन सेंटर भी कड़ी सुरक्षा में हैं. साथ ही पुलिस ने इस हाईवे पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है, जहां से हर दिन यात्री गुजरेंगे.
पूरे इलाके में की नाकाबंदी
पुलिस कार्यालय ने कहा कि हाईवे पर सुरक्षा व्यवस्था और पूरे इलाके में सुरक्षाबलों के प्रभुत्व को लागू कर दिया गया है और सीमाओं से लगे सभी इलाकों पर नाकाबंदी कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि क्विक रिएक्शन टीमों (QRT) को सक्रिय कर दिया गया है और हाई राइज बिल्डिंग पर भी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. सुरक्षा मशीनरी कानून और व्यवस्था मोड में है. यात्रा का दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए सभी उपाय किए गए हैं.
जम्मू में भगवती नगर यात्री निवास दक्षिण कश्मीर के हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर जाने से पहले देशभर के तीर्थयात्रियों के लिए प्राथमिक बेस कैंप के रूप में काम करता है. अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटे लेकिन स्टीपर बालटाल मार्ग पर की जाएगी. सुरक्षा उपायों के तहत सुरक्षा विंग ने इलाके पर नियंत्रण कर लिया है और पूरे इलाके में पब्लिक की एंट्री को बैन कर दिया गया है.
24 घंटे होगी बेस कैंप की निगरानी
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि शिविर और उसके आसपास चौबीसों घंटे निगरानी रखने के लिए 360-डिग्री कैमरों सहित बॉडी स्कैनर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बल की कई कंपनियां तैनात की जा रही हैं.
बता दें कि 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा की 52 दिवसीय तीर्थयात्रा दो पटरियों से शुरू होगी. अनंतनाग में पारंपरिक लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदेरबल में 14 किलोमीटर छोटा, लेकिन स्पीटर बालटाल मार्ग से 29 जून से शुरू होगी.