22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता बढ़ गई है और संदिग्धों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने हाल में ही कुलगाम से एक युवक को पकड़ा, जिसे आतंकी संगठन का ओडब्लूजी बताया जा रहा था. पूछताछ के दौरान वह पुलिस से भागने के चक्कर में नदी में कूदा और उसकी मौत हो गई.
इम्तियाज़ अहमद की मौत पर बवाल
इसी सिलसिले में पुलिस ने 23 वर्षीय इम्तियाज अहमद को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ग्राउंड वर्कर (ओडब्लूजी) होने के आरोप में हिरासत में लिया था. पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान जब इम्तियाज़ को एक विशेष स्थान पर उसकी पहचान के लिए ले जाया गया, तभी उसने खुद को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी. तेज बहाव में फंसने के कारण उसकी डूबने से मौत हो गई.
पुलिस ने जारी किया ड्रोन फुटेज
पुलिस ने इस घटना का ड्रोन फुटेज भी जारी किया है, जिसमें एक युवक को नदी में छलांग लगाते हुए और पानी में बहते हुए देखा जा सकता है. पुलिस का कहना है कि यह फुटेज घटना की पारदर्शिता दर्शाता है.
परिवार ने पुलिस के दावे को खारिज किया
हालांकि, इम्तियाज़ के परिजनों ने पुलिस के दावों को खारिज करते हुए युवक की मौत को संदिग्ध बताया है और न्यायिक जांच की मांग की है. परिवार का आरोप है कि इम्तियाज़ को दो दिन पहले पूछताछ के नाम पर ले जाया गया था, लेकिन अब उसका शव नदी में मिला है.
साकीना इत्तो ने की न्यायिक जांच की मांग
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार में मंत्री सकीना मसूद इटू ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं जनता और सुरक्षाबलों के बीच विश्वास की खाई को बढ़ाती हैं. उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है.
महबूबा मुफ्ती ने भी उठाए सवाल
वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इम्तियाज़ की मौत को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि घाटी में एक बार फिर ऐसे हालात पैदा किए जा रहे हैं जो पर्यटन को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके.