नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर लगा प्रतिबंध हटा देना चाहिए ताकि संगठन जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले सके. सरकार ने 2019 में जेईआई पर बैन लगा दिया था जिसे इसी साल पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
'बैन हटा तो चुनावों में लेंगे हिस्सा'
अब्दुल्ला की यह टिप्पणी जेईआई के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी की ओर से बुधवार को दिए एक बयान के बाद आई है. गुलाम कादिर वानी ने कहा था कि अगर केंद्र 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देता है तो संगठन विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगा. इस बयान के बाद आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने खुद को गुलाम कादिर से अलग कर लिया है.
उमर अब्दुल्ला ने की सरकार से अपील
अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के तंगमर्ग इलाके में एक चुनावी रैली के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'यह अच्छी बात है. उन्हें हिस्सा लेने दीजिए. हम चाहते हैं कि वे चुनाव में भाग लें और वोटिंग मशीन पर उनका भी चुनाव चिह्न हो. तब सच्चाई सामने आ जाएगी.'
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं केंद्र से जेईआई पर लगे बैन को तुरंत हटाने का अनुरोध करता हूं ताकि जेईआई आगामी विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतार सके, जो जुलाई-अगस्त में होने की संभावना है.'
2019 में सरकार ने लगाया था बैन
केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में जमात-ए-इस्लामी को 'आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों' के लिए पांच साल के लिए बैन कर दिया था. फरवरी 2024 में इस बैन को पांच साल की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया था.