जम्मू कश्मीर विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के धारा 370 पर दिए बयानों को लेकर हुआ ज़बरदस्त हंगामा हुआ. विधानसभा में जब तोड़फोड़ हुई तो स्पीकर कविंदर गुप्ता ने सेशन को एक सप्ताह पहले ही साइन डाई (sine die) कर दिया.
बुधवार को जैसे ही विधानसभा शुरू हुई नेशनल कांफ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्पीकर कविंदर गुप्ता से पूछा कि क्या उन्होंने महबूबा मुफ़्ती के आर्टिकल 370 के बयान को सदन के रिकार्ड से हटाया से हटाया है या नहीं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि महबूबा मुफ़्ती कब इस मामले पर अपना बयान देगी. जैसे ही स्पीकर ने इस मामले पर बोलना शुरू किया पूरा विपक्ष वेल में आ गया और हंगामा शुरू कर दिया और हंगामा इतना बढ़ गया कि कुछ विधायकों ने कुर्सियां और माइक उछाल दिए.
नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने कहा है कि अगर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने विधानसभा में कहा है कि जो आर्टिकल 370 के खिलाफ काम करते है वह एंटी नेशनल है और बाद में स्पीकर ने कहा कि वह असेंबली का रिकॉर्ड देखेंगे और उसके बाद उस शब्द को निकाल देंगे. दोनों पार्टियों का कहना है कि केवल बीजेपी ही आर्टिकल 370 को तोड़ने की बात करती है और उसके साथ पीडीपी ने सरकार बनाई है, इसका मतलब यह हुआ की बीजेपी पार्टी एंटी नेशनल पार्टी है.
हालांकि, पीडीपी महबूबा मुफ़्ती के बयान को लेकर चुप्पी साधे हुआ है लेकिन बीजेपी का कहना है कि स्पीकर कविंदर गुप्ता ने महबूबा के एंटी नेशनल बयान को हटा दिया है. बीजेपी ने कहा है कि उनकी आर्टिकल 370 की नीति पर कोई बदलाव नहीं है और सरकार बनाने के लिए पार्टी ने गठबंधन किया है.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस आर्टिकल 370 के बयान से उन्होंने कश्मीर घाटी में अपनी साख तो कुछ ठीक कर ली है मगर जम्मू में बीजेपी के लिए कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने सिरदर्द खड़ा कर दिया है