एम्स की मांग को लेकर तीन दिवसीय जम्मू बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. बंद के दूसरे दिन शनिवार को एम्स कोऑर्डिनेशन कमिटी के लोगों को बीजेपी मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन से रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े और लाठी चार्ज भी किया गया.
जम्मू में घोषित एम्स बनाए जाने की मांग को लेकर शहर में आंदोलन कर रही एम्स कोऑर्डिनेशन कमिटी के 72 घंटे के जम्मू बंद का व्यापक असर देखने को मिला. बंद को सफल बनाने के लिए समर्थक सड़कों पर उतरे और जम्मू सिटी के कई इलाकों में जुलूस निकले.
कमिटी के सदस्यों ने कई बार बीजेपी मुख्यालय के बाहर बंद का समर्थन करने कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां जाने नहीं दिया. कई जगहों पर मौजूद पुलिस ने झड़प को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया. लोगों का बीजेपी के खिलाफ गुस्सा इतना है कि दूसरे दिन भी जम्मू में स्कूल, कॉलेज, दफ्तर बंद रहे और परिचालन ठप रहा . इसका असर दूसरे जिलों पर भी देखने को मिला.
एम्स कोऑर्डिनेशन कमिटी ने जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ मंत्री चौधरी लाल सिंह के इस बयान को भी खारिज कर दिया है कि सरकार कश्मीर और जम्मू के लिए अलग-अलग दो एम्स बनाएगी. कमेटी का कहना है कि जब तक केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू को एम्स देने की दोषणा नहीं करते तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा.