जम्मू कश्मीर में पिछले एक महीने से टारगेट किलिंग का दौर जारी है. लंबे समय बाद घाटी में फिर कश्मीरी पंडितों में खौफ देखने को मिला है. वे जम्मू की ओर अग्रसर हुए हैं, अपनी जान की सुरक्षा के लिए सरकार से गुहार लगाते देखे गए हैं. अब इस बदलते माहौल के बीच सेना के ऑपरेशन में भी तेजी आई है. अगर आतंकियों की नापाक हरकतों ने जमीन पर डर का माहौल पैदा किया है तो सुरक्षाबलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने आतंकियों के हौसलों को भी पस्त किया है.
आंकड़े बताते हैं कि इस साल जून महीने तक सुरक्षाबलों ने तमाम एनकाउंटर्स में 105 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है. अकेले जून में 6 दिन के भीतर 6 आतंकियों का सफाया किया गया है. इस दौरान दो बड़े आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है जिनसे उनके नेटवर्क को लेकर सवाल-जवाब जारी हैं. जानकारी के लिए मुताबिक 11 मई को तीन दहशतगर्दों को ढेर किया गया था, आज गुरुवार को भी शोपिया में दो आतंकियों को मारा गया है.
वैसे भी अब क्योंकि कुछ दिनों में अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है, ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना ने खास तैयारी शुरू कर दी है. ऐसी खबर है कि इस बार पुलिस, सेना, केंद्रीय अर्धसैनिकबलों के करीब 35 बटालियन जमीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने जा रहे हैं. उनके पास अत्याधुनिक हथियार भी रहेंगे जिससे आतंकियों के हर मंसूबे को नाकामयाब किया जा सके. बड़े स्तर पर ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है. जब से आतंकियों ने यात्रा को निशाना बनाने की धमकी दी है, सुरक्षा को और ज्यादा मुस्तैद कर दिया गया है.
अब जम्मू-कश्मीर में तो आतंकियों का सफाया जारी है ही, इसके अलावा नक्सल प्रभावित इलाकों में भी सेना के ऑपरेशन में तेजी आई है. इस साल 8 फरवरी से 25 फरवरी तक झारखंड में आप्रेशन डबल बुल चला था, 10 फरवरी को कोबरा के साथ एनकाउंटर हु़आ था, 16 आईईडी बरामद की गई थीं. इसी तरह और भी कई ऑपरेशन कर नक्सलियों को भी जमीन पर काफी कमजोर करने का प्रयास रहा है.