जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक के बाद परिसीमन आयोग ने 6 जुलाई से तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे का फैसला किया है. परिसीमन आयोग की जम्मू कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ 6 जुलाई को सर्वदलीय बैठक होगी.
परिसीमन आयोग राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के नेताओं और नुमाइंदों के साथ अलग-अलग मिलेगा. परिसीमन आयोग जल्दी से जल्दी सीटों का परिसीमन करने की कवायद में लगा हुआ है. सीटों के परिसीमन के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव का ऐलान होगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि हम चाहते हैं कि राज्य में जल्द से जल्द चुनाव हो.
परिसीमन आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक दलों के साथ होने वाली बैठक में कुल 114 विधान सभा क्षेत्रों का खाका रखा जाएगा. चर्चा इस पर भी होगी कि किन क्षेत्रों को तराश कर नए क्षेत्र गढ़े गए हैं और किन आधारों पर सुरक्षित क्षेत्र तय किए गए हैं. अब विधान सभा में कुल 114 सीटें होंगी. 90 पर चुनाव हो सकेंगे और 24 पाक अधिकृत कश्मीर की सीटें खाली रहेंगी.
परिसीमन आयोग बाकी प्रदेशों की तरह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटें भी सुनिश्चित करेगा. जम्मू कश्मीर विधान सभा के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि सीटें सुरक्षित होंगी. वैसे आयोग चुनाव क्षेत्रों को नए सिरे से परिसीमन करते हुए ये भी ध्यान में रख रहा है कि प्राकृतिक समानता, प्रशासनिक सीमाएं, संचार व्यवस्थाएं और सबसे महत्वपूर्ण आम जनता को सुविधा जरूर हो.
इतिहास में झांकें तो 1995 में जम्मू कश्मीर विधान सभा क्षेत्रों का परिसीमन 1981 की आबादी के आधार पर किया गया था. साल 2001 में वहां की विधान सभा ने उस परिसीमन को मानने और उसी आधार पर चुनाव कराने को 2026 तक टाल दिया था, लेकिन अब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटा दिया गया है. अब होने वाले परिसीमन के लिए रास्ता साफ है.