गणतंत्र दिवस से पहले खूंखार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद घाटी में फिदायीन हमले की फिराक में हैं. खुफिया एजेंसियों ने इसको लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है. सभी सुरक्षा एजेंसियों को कहा गया कि वो सभी इलाकों में पूरी तरह मुस्तैद रहें. खुफिया सूत्रों के मुताबिक जैश आतंकवादी अगले एक हफ्ते में कश्मीर घाटी में भारी Improvised explosive device (IED) और अन्य विस्फोटक हथियारों से आत्मघाती हमला कर सकते हैं. ये आतंकी सुरक्षा बलों की चौकियों को निशाना बना सकते हैं और उन पर फायरिंग कर सकते हैं.
बताया जा रहा है कि जैश के आतंकवादी IED और अन्य विस्फोटक हथियारों से लैस हैं. इस खुफिया जानकारी के बाद कश्मीर घाटी में मौजूदा सेना के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की करीब 500 कंपनियों को तैनात किया गया है. आतंकियों की नापाक साजिशों को विफल करने और उनको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं. इससे पहले 15 जनवरी को सेना दिवस के मौके पर भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने साफ तौर पर कहा था कि देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
आतंकवादियों को भारी नुकसान
आर्मी चीफ ने बताया था कि सेना ने कश्मीर में आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. सेना आतंकवाद का सिर कुचलने के लिए संकल्पित है. इस दौरान आर्मी चीफ ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि हमारा पड़ोसी आतंकी संगठनों को लगातार हथियार मुहैया करा रहा है और सीमा पार से घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है.
आपको बता दें कि कश्मीर में सेना ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है. सेना की कार्रवाई से आतंकी बौखलाए हुए हैं और लगातार सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं. अब कश्मीर घाटी में गिने-चुने आतंकी कमांडर बचे हैं, जिनके खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है. शनिवार को सेना ने अल-बदर के कमांडर जीनत उल-इस्लाम को ढेर कर दिया था.
बताया जा रहा है कि जीनत उल-इस्लाम के मारे जाने के बाद कश्मीर में अब आतंकियों के टॉप 12 कमांडरों में से सिर्फ रियाज नायकू और जाकिर मूसा ही बचे हैं. सुरक्षा बलों को इन दोनों आतंकी कमांडरों की तलाश है. इससे पहले मार्च 2018 में सेना ने अबू मतीन और अबू हमास का खात्मा किया था. इसके बाद 1 अप्रैल 2018 को सुरक्षा बलों ने शोपियां में समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर को भी ढेर कर दिया था.
फिर मई, जून और जुलाई के महीने में सद्दाम पाडर और अबु कासिम जैसे खूंखार आतंकियों को भी ठिकाने लगा दिया गया. सेना ने अक्टूबर 2018 में 27 आतंकियों को मार गिराया था, जिसमें मन्नान वानी, मेहराजुद्दीन बांगरू और सब्जार अहमद सोफी शामिल थे.
पाक की ओर बौखलाहट
इसके अलावा सेना और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में बीते साल 260 से ज्यादा दहशतगर्द आतंकी मारे गए थे. खुफिया सूत्रों के मुताबिक LoC के पार 300 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में बैठे हुए हैं. सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ और घाटी में आतंकियों की मौजूदगी के मद्देनजर सेना का ऑपरेशन इस साल भी जारी रहने की उम्मीद है. सेना आतंकवादी गतिविधियों पर लाइन ऑफ कंट्रोल और भीतर के इलाके में बराबर दबाव बनाए हुए है.
सेना की कार्रवाई से आतंकी और पाकिस्तान दोनों ही बौखलाए हुए हैं. जहां एक ओर पाकिस्तान सीमा पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, तो आतंकी घाटी में सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं. मंगलवार को भी पाकिस्तानी स्नाइपर ने बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट विनय प्रसाद को निशाना बनाया था. पाकिस्तानी स्नाइपर की गोली लगने से विनय प्रसाद शहीद हो गए थे.