2010 में सिविल सेवा की परीक्षा में टॉप करने वाले IAS शाह फैसल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. शाह फैसल ने बुधवार को ट्वीट कर इस फैसले का ऐलान किया और सूत्रों की मानें तो अब वह राजनीति के क्षेत्र में उतर सकते हैं. शाह फैसल इससे पहले भी कई बार अहम मुद्दों पर अपनी राय रखते आए हैं और चर्चा बटोर चुके हैं.
शाह फैसल के इस्तीफे के ऐलान के साथ ही उनके राजनीति में आने के कयास लगने लगे हैं. चर्चा है कि वह उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ज्वाइन कर सकते हैं और कुछ ही समय बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में भी फैसल अपनी किस्मत आजमा सकते हैं.
2009 बैच के फैसल सिविल परीक्षा में टॉप करने वाले पहले कश्मीरी बने थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उनकी तारीफ में कसीदे पढ़े थे. शाह फैसल को कश्मीर का यूथ आइकन के तौर पर देखा जाने लगा. लेकिन समय-समय पर वह अपने ट्वीट और बयानों के कारण विवादों में रहे.
- आतंकी बुरहान वानी के चर्चा में आने के बाद उनका नाम लगातार तुलना के लिए उसके साथ जोड़ा जाने लगा था. लेकिन फैसल ने ट्वीट कर इसपर आपत्ति जताई थी. उन्होंने अपील की थी कि कोई भी उनका नाम बुरहान वानी के साथ ना जोड़ें.
- इसके अलावा फैसल द्वारा देश में रेप की बढ़ती घटनाओं पर विवादित ट्वीट किया गया था. उन्होंने इसकी तुलना रेपिस्तान से की थी, फैसल का ट्वीट था कि 'पितृसत्ता + जनसंख्या + निरक्षरता + शराब + पोर्न + टेक्नालॉजी + अराजकता = रेपिस्तान!' इस ट्वीट पर उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था.
- अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर से इसे खत्म किया गया तो ये देश के बाकी हिस्से से कट जाएगा.
आपको बता दें कि हाल ही के दौर में ऐसा देखने को मिला है कि IAS अफसर अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीति के क्षेत्र में आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के ओपी चौधरी इसी का उदाहरण हैं जिन्होंने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह हार गए थे.