कश्मीर की एक अदालत ने 2 दिसंबर को सात छात्रों को जमानत दे दी. सभी नवंबर में क्रिकेट विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार पर जश्न मनाने के बाद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत जेल में बंद थे.
मध्य कश्मीर में गांदरबल कोर्ट ने सात कश्मीरी छात्रों को जमानत दी. जो गांदरबल के शुहामा में शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी-कश्मीर (SKUAST-K) में पढ़ते हैं.
सात स्थानीय छात्रों की गिरफ्तारी पंजाब के एक साथी छात्र की लिखित शिकायत के बाद की गई. FIR के अनुसार, गैर-स्थानीय छात्र ने सात कश्मीरी छात्रों पर 'हमारे देश का समर्थक होने के कारण उसे गाली देने और निशाना बनाने' का आरोप लगाया. कश्मीरी छात्रों पर विश्व कप में भारत की हार के बाद 'जीवे जीवे पाकिस्तान (पाकिस्तान लंबे समय तक जीवित रहे)' चिल्लाने का आरोप लगाया गया था, जिससे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बाहर के छात्रों में डर पैदा हो गया.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की कानूनी राय के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा UAPA की धारा 13 के तहत आरोप हटाने के बाद जमानत दी गई. सूत्रों ने कहा कि एक वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी, जिन्होंने परिस्थितियों, सबूतों और बयानों का विश्लेषण किया.
इस बीच, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अदालत के इस कदम का स्वागत किया.