scorecardresearch
 

Kinnaur Landslide: रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी पर बिफरे लोग, 10 की मौत, लापता बस दिखी

लोगों का कहना था कि मलबे में दबे लोगों को रेस्क्यू करने में देरी हुई है. इस तरह की लापरवाही पर उन्होंने खेद जताया. उनका कहना था कि ऐसे समय में तुरंत मशीनरी लाकर रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

Advertisement
X
kinnaur landslide
kinnaur landslide
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोगों ने रेस्क्यू शुरू करने में देरी का आरोप लगाया
  • हादसे में अब तक 10 की मौत, 14 को बचाया गया

किन्नौर जिले के चौरा और निगुलसरी के मध्य नेशनल हाईवे पर चट्टानों के गिरने के बाद रेस्कयू ऑपरेशन में देरी पर लोग बिफर गए. लोगों का कहना था कि हादसे को हुए 6 घंटे से भी अधिक समय हुआ, लेकिन अभी तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी की मशीनरी मौके पर नहीं पहुंच रही है. 

लोगों का कहना था कि मलबे में दबे लोगों को रेस्क्यू करने में देरी हुई है. इस तरह की लापरवाही पर उन्होंने खेद जताया. उनका कहना था कि ऐसे समय में तुरंत मशीनरी लाकर रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, अब आईटीबीपी, एनडीआरएफ, पुलिस राहत बचाव कार्य जुटी हुई है.

25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका

वहीं, किन्नौर के नुगुलसारी इलाके में भूस्खलन स्थल से कुल 10 शव बरामद किए गए हैं. अब तक 14 लोगों को बचा लिया गया है. सर्च ऑपरेशन में आईटीबीपी के 300 जवान लगे हैं. वहीं, जिस बस के लापता होने की सूचना मिली थी वह अब दिखाई दे रही है. Earth mover machines के जरिए मलबा हटाया जा रहा है. इस बस में 25 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. रेस्क्यू में 2 घंटे से अधिक का वक्त लग सकता है.

Advertisement

ITBP के मुताबिक, हादसे के वक्त रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर 6 से 7 गाड़ियां 200 मीटर की दूरी के बीच मूव कर रही थीं, तभी अचानक पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. इस वजह से वहां गाड़ियों को निकलने का मौका नहीं मिल पाया. करीब 6 गाड़ियां थीं, जिसमें 50 से 60 लोगों के होने की आशंका है.

इधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस हादसे पर बयान दिया है. मुख्यमंत्री का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. बारिश और अंधरे के कारण रेस्क्यू में थोड़ी परेशानी आ रही है, लेकिन जल्दी ही राहत-बचाव कार्य पूरा हो जाएगा.


 

Advertisement
Advertisement