पहाड़ों पर भारी बारिश से तबाही जारी है. हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार तक भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कम से कम 128 सड़कें बंद कर दी गईं हैं. मौसम विभाग ने यहां आज भी अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और 15 अगस्त तक भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
इन 6 जिलों में बाढ़ का खतरा
आईएमडी ने शनिवार तक मंडी, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, शिमला और कुल्लू जिलों के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के खतरे की चेतावनी भी दी है. इसके अलावा शनिवार को ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण वृक्षारोपण, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान की संभावना जताई है.
सड़कें बंद, बिजली-जल आपूर्ति बाधित
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मंडी में 60, कुल्लू में 37, शिमला में 21, कांगड़ा में पांच, किन्नौर में चार और हमीरपुर जिले में एक सड़कें बंद हैं. इसके अलावा 44 बिजली और 67 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुईं हैं. स्रोतों में गंदगी के कारण शिमला में भी पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है. बता दें कि बारिश से संबंधित घटनाओं में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और 27 जून से 9 अगस्त के बीच राज्य को लगभग 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
सबसे ठंडा कुकुमसेरी
बारिश के साथ-साथ तापमान में गिरावट का सिलसिला भी जारी है. जनजातीय लाहौल और स्पीति जिले का कुकुमसेरी राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां रात का तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ऊना सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री दर्ज किया गया.
बता दें कि गुरुवार शाम से, मंडी जिले के जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 160 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद धर्मशाला (125.4 मिमी), कटौला (112.3 मिमी), भरारी (98.4 मिमी), कंडाघाट (80 मिमी), पालमपुर (78.2 मिमी), पंडोह ( 76 मिमी), बैजनाथ (75 मिमी), कुफरी (70.8 मिमी) और शिमला में (60.5 मिमी) बारिश हुई.