scorecardresearch
 

हिमाचल में भारी बारिश, डेढ़ सौ करोड़ का सेब नष्ट

भारी बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर में मुसीबत का सैलाब अभी जारी है. हिमाचल के सेब बहुल इलाकों में भी तूफान और आंधी ने शि‍मला के ऊंचाई वाले इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है. करीब डेढ़ सौ करोड़ का सेब नष्ट हो गया है.

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

भारी बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर में मुसीबत का सैलाब अभी जारी है. हिमाचल के सेब बहुल इलाकों में भी तूफान और आंधी ने शि‍मला के ऊंचाई वाले इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है. 72 घंटों की वि‍नाश लीला के कारण इलाके में सेब की तैयार फसल पेड़ों से झड़ गई है. बताया जाता है कि पचास साल में पहली बार बंपर फसल लगने से बागवान खुश थे, लेकिन प्रकृति के कहर ने संभलने का मौका तक नहीं छोड़ा और करीब डेढ़ सौ करोड़ का सेब नष्ट हो गया है.

जानाकरी के मुताबिक, इलाके में सेब के सभी बाग लगभग खत्म हो गए हैं. सैकड़ों सेब के पौधे तूफान में जड़ से उखड़ गए हैं. बारिश का दौर जारी है और बागवानों के लिए मौसम कोई रियायत लेकर नहीं आ रहा. इस बीच बारिश के कारण सड़कों की दशा बदतर हो गई है और आस-पास के इलाकों से संपर्क टूट गया है.

आड़ू के रोशन कहते हैं, 'ऐसी बंपर फसल पचास वर्षों में पहली बार थी, लेकिन कुदरत का कहर इस कदर बरपा की सब खत्म हो गया. हमने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.' लोगों का कहना है कि मंडी मध्यस्था योजना के तहत गांव-गांव में सेब खरीद केंद्र खोले जाने की योजना थी ताकि लोग सेब इन केंद्रों में सेब बेच सके. लेकिन मौजूदा समय में पांच रुपये किलो सेब खरीदने वाला भी कोई नहीं है.

Advertisement

कैलाश फेडरेशन के अध्यक्ष बृज लाल ने बताया कि वे विपदा की घड़ी में सरकार से इस बारे में सम्पर्क कर रहे हैं. 72 घंटो से तूफान के कारण करीब सौ करोड़ का नुकसान हुआ है. सरकार से लोगों की सुविधा के लिए सरकारी सेब क्रय केंद्र खोलने की मांग की गई है ताकि गिरे हुए सेब की बिक्री हो सके.

Advertisement
Advertisement