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45 लाख खर्च कर परिवार ने भेजा था अमेरिका, डिपोर्ट हुए करनाल के रजत, बोले- अब हलवाई की दुकान चलाऊंगा

अमेरिका से 50 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है, जिनमें करनाल के 16 युवक शामिल हैं. सगोही गांव का रजत भी उनमें से एक है. परिवार ने 45 लाख रुपये खर्च कर उसे अमेरिका भेजा था, लेकिन अब रजत वापस लौट आया है और पिता के साथ हलवाई की दुकान संभाल रहा है.

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अमेरिका से डिपोर्ट हुए करनाल के युवक (Photo: Kamaldeep/ITG)
अमेरिका से डिपोर्ट हुए करनाल के युवक (Photo: Kamaldeep/ITG)

अमेरिका से 50 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है, जिनमें करनाल जिले के 16 युवक शामिल हैं. करनाल के सगोही गांव के रहने वाले रजत भी उन्हीं में से एक हैं. रजत कल देर शाम अपने गांव लौटे और उन्होंने अपने अनुभव साझा किए.

रजत ने बताया कि पिछले साल 26 मई को वह अमेरिका के लिए घर से निकले थे. उनका सपना था कि परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके. साथ ही उन्होंने कहा कि पनामा के जंगलों से होकर 12-13 लड़कों का एक ग्रुप गया था. इस पूरी यात्रा में करीब 45 लाख रुपये खर्च हो गए थे.

50 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया

रजत ने बताया कि उनके पिता हलवाई का काम करते हैं. अब वो वापस लौटकर पिता के साथ दुकान पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका पहुंचने के बाद उन्हें कई बार जगह बदलनी पड़ी. 

बॉर्डर पार करने के बाद उन्हें पहले 12-13 दिन एक जगह रखा गया, फिर दूसरी जगह भेज दिया गया. 20 अक्टूबर को पता चला कि उन्हें भारत वापस भेजा जाएगा. रजत ने बताया कि उनके साथ किसी तरह का गलत व्यवहार नहीं हुआ, लेकिन मुश्किलें जरूर झेलनी पड़ीं.

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लाखों खर्च कर डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे थे युवक

रजत के भाई विशाल ने बताया कि उन्होंने अपने भाई को अमेरिका भेजने में करीब 45 लाख रुपये खर्च किए थे. बॉर्डर पार करने और बांड अपील के लिए भी पैसा लगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि परिवार ने दुकान, मकान और प्लॉट बेचकर यह पैसा जुटाया था. विशाल ने कहा कि हमारा सपना था कि भाई वहां सेट हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने लोगों से अपील की कि विदेश जाने के लिए गलत रास्ता न अपनाएं.

(रिपोर्ट- कमलदीप)

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