हरियाणा में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल कमर कस रहे हैं. राज्य में पहले से ही राजनीतिक रैलियां और यात्राएं हो रही हैं. पूर्व सीएम बीएस हुड्डा और AICC महासचिव कुमारी सैलजा के नेतृत्व में प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस गुटों की ओर से निकाली जा रही दो समानांतर यात्राओं ने एक बार फिर पार्टी में गुटबाजी को और तेज कर दिया है.
कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्रमश: 7 जुलाई और 11 जुलाई को पद यात्रा की घोषणा की. पद यात्रा की घोषणा करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि वह राज्य के शहरी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगी.
कुमारी सैलजा ने कहा, 'सत्तारूढ़ भाजपा ने 44 शहरी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पर बढ़त हासिल की है. शहरी हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने की जरूरत है. इस यात्रा की योजना बनाई जा रही है. पद यात्रा का मकसद भाजपा के जनविरोधी फैसलों को उजागर करना है. यात्रा का मार्ग और तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी.'
सैलजा की घोषणा के चार दिन बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा पीसीसी प्रमुख उदय भान और AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने संयुक्त रूप से 11 जुलाई को चंडीगढ़ में 'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा की घोषणा की. दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में इस यात्रा को उदय भान ने 15 जुलाई को हरी झंडी दिखाई.
'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी
'हरियाणा मांगे हिसाब' यात्रा पहले चरण में करीब एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी. चुनाव के करीब एआईसीसी प्रमुख मल्लिकार्जुन खडगे और राहुल गांधी के इस यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है. इस यात्रा का मकसद महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों पर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को घेरना है.
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश भाजपा प्रमुख उदय भान भी दीपेंद्र की यात्रा समाप्त होने के तुरंत बाद 20 अगस्त से रथ यात्रा निकालेंगे.
हालांकि, सैलजा की पद यात्रा को अभी तक किसी पार्टी का समर्थन नहीं मिला है, लेकिन दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा की अगुआई में होने वाली यात्राएं मुख्य अभियान की शुरुआत होंगी, जिसे विधानसभा चुनाव के करीब पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी शुरू करेंगे.
एकजुटता की कमी
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में भाजपा सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए यात्रा की योजना बनाई थी, लेकिन खुद ही इसकी पोल खुल गई. कांग्रेस पार्टी के आलाकमान की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद कि राज्य के नेताओं को एकजुट चेहरा पेश करना चाहिए, हरियाणा कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी गुट खुद को मुखर करने के लिए समानांतर यंत्रों का आयोजन कर रहे हैं.
कुमारी सैलजा की पद यात्रा को विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस में समानांतर सत्ता केंद्र बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. उनके कई समर्थकों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया है. हुड्डा खेमे ने पहले ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है.
हुड्डा और उदयभान के अलावा राज्य पार्टी मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया भी एक साथ नजर आ रहे हैं, जिससे विपक्षी गुट नाराज है. कुमारी सैलजा ने दीपक बाबरिया पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे की ओर झुकाव रखने और अन्य नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि हुड्डा विरोधी खेमे के नेताओं ने ताकत दिखाने के लिए समानांतर यात्रा निकाली हो. इससे पहले इसी साल जनवरी में तत्कालीन शाहरुख खान समूह (कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी) ने भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 'घर घर कांग्रेस' अभियान का मुकाबला करने के लिए हिसार में कांग्रेस संदेश यात्रा निकाली थी.
सैलजा को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बताया था
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्र मोहन सिंह ने तो कुमारी सैलजा को राज्य का अगला मुख्यमंत्री तक कह दिया था. दोनों गुटों का लक्ष्य राहुल गांधी की भारत जोड़ो नया यात्रा को मजबूत करना था, लेकिन समानांतर यात्राओं ने पार्टी संगठन के भीतर की दरार को सामने ला दिया. AICC के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने तब भी पार्टी कार्यकर्ताओं से घर-घर कांग्रेस अभियान को सफल बनाने की अपील की थी. हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा के लिए भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 16 जुलाई को महेंद्रगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस की 'हरियाणा मांगे इंसाफ' यात्रा का मजाक उड़ाया.
अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस ने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया. हुड्डा साहब, हम क्यों हिसाब रखें? मैं हिसाब लेकर आया हूं और आपको चुनौती देता हूं. अपने दस साल के हिसाब के साथ लोगों के पास जाएं और हमारी सरकार से तुलना करें. मैं एक व्यापारी का बेटा हूं और हर एक चीज साझा करूंगा. आपने केवल 4100 करोड़ रुपये दिए और भाजपा सरकार ने 259 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो छह गुना अधिक है.'
समानांतर यात्राओं पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रवीण अत्रेय ने कहा कि सभी कांग्रेस नेताओं को एक साथ लाना 'मेंढकों को एक बाल्टी में इकट्ठा करने' जैसा है.
प्रवीण अत्तरी ने कहा, 'कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद को चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करवाने के लिए आपस में भिड़े हुए हैं. 2024 के चुनावों में पार्टी की शर्मनाक हार के लिए आंतरिक कलह जिम्मेदार होगी.'