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'हर दोषी को पैरोल और फरलो का अधिकार', राम रहीम के बार-बार जेल से बाहर आने पर बोले CM मनोहर लाल खट्टर

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से यह बताने को कहा है कि राम रहीम की तरह क्या फरलो और पैरोल के समान प्रावधान अन्य दोषियों के लिए भी बढ़ाए जा रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पैरोल और फरलो अच्छे आचरण वाले हर दोषी का अधिकार है.

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मनोहर लाल खट्टर राम रहीम पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर जवाब दे रहे थे (फाइल फोटो)
मनोहर लाल खट्टर राम रहीम पर हाईकोर्ट की टिप्पणी पर जवाब दे रहे थे (फाइल फोटो)

गुरमीत राम रहीम को लगातार पैरोल मिलने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मनोहर लाल खट्टर सरकार से सवाल पूछे हैं. इसे अगले ही दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अगर आचरण अच्छा पाया जाता है तो पैरोल या फरलो पाना हर दोषी का अधिकार है. 

दरअसल, बुधवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर एक जनहित याचिका का जवाब देते हुए बीजेपी सरकार से यह बताने को कहा है कि क्या फरलो और पैरोल के समान प्रावधान अन्य दोषियों के लिए भी बढ़ाए जा रहे हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है.

इस संबंध में चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "जेल में आचरण के आधार पर पैरोल दी जाती है. हर दोषी को पैरोल और फरलो पाने का अधिकार है. हम अब एक खुली जेल बना रहे हैं. अच्छा आचरण दिखाने वाले कैदियों को खुली जेल में रखा जाएगा."

राम रहीम के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर हुई थी याचिका

बता दें कि एसजीपीसी ने गुरमीत राम रहीम को लगातार दी जा रही पैरोल को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. एसजीपीसी ने अपनी याचिका में कहा कि समिति का कोई व्यक्तिगत हित नहीं है, लेकिन राम रहीम को पैरोल पर रिहा करने के खतरे को ध्यान में रखते हुए जनहित याचिका दायर की गई है, जिससे भारत की संप्रभुता, अखंडता को खतरा हो सकता है.

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इस साल फरवरी में हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह भी कहा गया था कि डेरा प्रमुख को पैरोल देने के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि वह 'भगवान का दूत' होने का दावा करता है और उसने बाबा और 'महाराजा' के उपनाम जोड़े हैं.

बुधवार को वापस जेल पहुंचा राम रहीम

डेरा प्रमुख ने बुधवार को 21 दिन की फरलो पूरी करने के बाद सुनारिया जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. उसने फरलो उत्तर प्रदेश स्थित बरनावा आश्रम में बिताई. दिलचस्प बात यह है कि इस बार राम रहीम अपने शिष्यों के साथ कोई प्रवचन नहीं दिया, जिससे पहले विवाद खड़ा हो गया था. कोर्ट के आदेश के मुताबिक वह यूपी डेरा तक ही सीमित रहा.

गौरतलब है कि नवंबर 2023 में गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी गई थी, जो साल 2023 में उसकी तीसरी अस्थायी रिहाई थी. उसने अब तक पैरोल और फरलो हासिल करके 184 दिन जेल से बाहर बिताए हैं.

कब-कब जेल से बाहर आया राम रहीम?

-अक्टूबर 2020: एक दिन की पैरोल पर अपनी बीमार मां से मिलने

-मई 2021: अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल

-7 फरवरी, 2022: 21 दिन की फरलो

-17 जून 2022: 30 दिन की पैरोल

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-14 अक्टूबर 2022: 40 दिन की पैरोल

-22 जनवरी, 2023: 40 दिन की पैरोल

-19 जुलाई 2023: 30 दिन की पैरोल

-20 नवंबर, 2023: 21 दिन की फरलो

इन मामलों में दोषी है राम रहीम

राम रहीम को दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 25 अगस्त, 2017 को दोषी ठहराए जाने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा 2002 में पत्रकार राम चंदर छत्रपति और डेरा प्रबंधक, रणजीत सिंह की हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

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